नीला रंग आखिरकार बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर के साथ क्‍यों जुड़ा है?
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नीला रंग आखिरकार बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर के साथ क्‍यों जुड़ा है?

14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर लखनऊ में सीएम योगी आदित्‍यनाथ से 'दलित मित्र' पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वाले आंबेडकर महासभा के लालजी निर्मल ने कहा, ''नीला रंग बाबा साहब का प्रिय कलर था और निजी जीवन में भी वह इसका खासा इस्‍तेमाल करते थे.''

14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के मौके पर आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण करते सीएम योगी आदित्‍यनाथ.(फोटो: PTI)

पिछले दिनों बदायूं में बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की एक प्रतिमा पर भगवा रंग चढ़ाने पर विवाद हो गया. आनन-फानन में उस पर फिर से नीला रंग चढ़ाया गया. उसके बाद से ही यह सवाल उठ रहा है कि आखिर नीला रंग डॉ बीआर आंबेडकर के साथ क्‍यों जुड़ा है? इस बारे में रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर और दलित कार्यकर्ता एसआर दारापुरी ने न्‍यूज एजेंसी PTI को बताया, ''1942 में बाबा साहब ने शेड्यूल्‍ड कास्‍ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया पार्टी की स्‍थापना की थी. उस पार्टी के झंडे का रंग नीला था और उसके मध्‍य में अशोक चक्र स्थित था...इसके बाद 1956 में जब पुरानी पार्टी को खत्‍म कर रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया गया तो इसमें भी इसी नीले रंग के झंडे का इस्‍तेमाल किया गया.''

  1. 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती मनाई जाती है
  2. बदायूं में आंबेडकर की मूर्ति पर शरारती तत्‍वों ने भगवा रंग चढ़ाया
  3. उसके बाद फिर से इस पर नीला रंग चढ़ाया गया

दारापुरी ने इसके साथ यह भी कहा कि बाबा साहब का प्रिय कलर नीला ही था. उन्‍होंने यह भी कहा, ''नीला, आकाश का कलर है जोकि उसकी व्‍यापकता को दर्शाता है. बाबा साहब का भी यही विजन था.'' बाद में बसपा ने भी इसी रंग को अपनाया और इस तरह यह दलित अस्मिता का प्रतीक बन गया. दारापुरी ने यह भी कहा, ''बाबा साहब की प्रतिमा हमेशा नीले रंग के कोट में दिखती है. उनके एक हाथ में संविधान की किताब और दूसरे हाथ की एक अंगुली उठी दिखती है जोकि आगे बढ़ने का सूचक है.''

इसी संदर्भ में 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर लखनऊ में सीएम योगी आदित्‍यनाथ से 'दलित मित्र' पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वाले आंबेडकर महासभा के लालजी निर्मल ने कहा, ''नीला रंग बाबा साहब का प्रिय कलर था और निजी जीवन में भी वह इसका खासा इस्‍तेमाल करते थे.''

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डॉ भीमराव आंबेडकर (फाइल फोटो)

किताब हाथ में दिखने के बारे में लालजी निर्मल ने PTI को बताया कि दरअसल बाबा साहब को पढ़ने का बेहद शौक था. इस संबंध में बाबा साहब का एक किस्‍सा सुनाते हुए बताया, ''एक बार बाबा साहब केंद्रीय मंत्री के रूप में लखनऊ पहुंचे तो उनको तत्‍कालीन गवर्नर सरोजनी नायडू ने राज भवन में रहने के लिए आमंत्रित किया. लेकिन बाबा साहब अपने साथ ढेर सारी पुस्‍तकें पढ़ने के लिए लाए थे. लिहाजा उन्‍होंने राज भवन जाने के बयाज रेलवे सैलून में रहना पसंद किया.''

आंबेडकर की प्रतिमा पर भगवा रंग
बदायूं जिले में सात अप्रैल की रात को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर शरारती तत्‍वों ने भगवा रंग चढ़ा दिया. बदायूं के कुंवरगांव थाना क्षेत्र के दुगरैया गांव में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति है. पिछले दिनों इसी मूर्ति के साथ शरारती तत्वों ने तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद इलाके के लोगों ने रोष प्रकट किया. विवाद के बाद एक फिर से इसे नीले रंग में रंग दिया गया है. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) नेता हेमेंद्र गौतम की अगुआई में भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर फिर से नीला रंग चढ़ाया गया.

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