Trending Photos
Why COVID-19 booster shots are essential: कोरोना वायरस के खिलाफ एक नई स्टडी में वैक्सीन की बूस्टर डोज को बेहद जरूरी बताया गया है. इस स्टडी में कोरोना संक्रमित होने के बाद शरीर में बनी नेचुरल इम्यूनिटी और कोविड वैक्सीन से मिली प्रतिरक्षा के अंतर को परखने की कोशिश की गई है. 15 जून को 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' (पीएनएएस) के रिसर्च में प्रकाशित इस स्टडी में जेफरी पी. टाउनसेंड और उनके सहयोगियों ने कोविड के खिलाफ वैक्सीन की बूस्टर डोज पर प्रकाश डाला है.
बूस्टर डोज लगवाना जरूरी क्यों?
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन शरीर में अपने आप बनी इम्यूनिटी की तुलना में ज्यादा सुरक्षा देती है. वायरस के बदलते स्वरूप के चलते शरीर में इसके खिलाफ बनी इम्युनिटी भी ज्यादा लंबे समय के लिए सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाती. आसान शब्दों में कहें तो संक्रमण से बचने के लिए बूस्टर डोज लगवाना जरूरी है.
कौन सी वैक्सीन देती है कितने दिनों की सुरक्षा?
स्टडी के मुताबिक कोरोना संक्रमित होने के बाद शरीर में बनी नेचुरल इम्यूनिटी लगभग 21.5 महीनों कोविड के खिलाफ प्रतिरक्षा देती है. वहीं, फाइजर बायोएनटेक और मॉडर्ना की एमआरएनए वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी का स्तर ज्यादा बढ़ाती है और लगभग 29.6 महीनों तक कोरोना संक्रमण से सुरक्षा देती है.वहीं, ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन की वेक्टर वैक्सीन क्रमशः 22.4 महीने और 20.5 महीने तक संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है. इस स्टडी के सामने आने के बाद शोधकर्ताओं ने मान लिया है कि कोरोना के खिलाफ सिर्फ वैक्सीन की दो डोज ले लेना ही काफी नहीं है. कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज बेहद आवश्यक है.
मुफ्त में लग रही बूस्टर डोज
बता दें कि भारत में एक बार फिर कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार बूस्टर डोज पर ज्यादा ध्यान दे रही है. केंद्र की तरफ से 18 से 59 साल की उम्र के लोगों को मुफ्त में कोविड के खिलाफ वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जा रही है. 75 दिनों तक बिना किसी शुल्क के सरकारी केंद्रों पर बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है. इससे पहले 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही फ्री में बूस्टर डोज लगाई जा रही थी.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर
LIVE TV