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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट Omicron का मतलब सर्दी-जुकाम से ज्यादा नहीं है. जानकारों का कहना है कि Omicron से हर्ड इम्युनिटी बन जाएगी. इससे ज्यादातर लोगों में माइल्ड इंफेक्शन ही देखा जा रहा है इसलिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. बस सावधानी बरतने की जरूरत है.
पहली वजह ये है कि Omicron सिर्फ 1 माइल्ड इंफेक्शन है. दूसरी ये कि अब तक सामने आए Omicron के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह हैं. तीसरी वजह है कि Omicron से संक्रमित होने पर ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट नहीं आती है. चौथी वजह है कि Omicron से संक्रमित होने पर कुछ ही दिन तक लक्षण दिखते हैं. पांचवीं वजह ये है कि Omicron से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में एडमिट होने वालों की संख्या बहुत कम है.
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जान लें कि डेल्टा के मुकाबले Omicron वेरिएंट फेफड़ों पर 10 गुना कम असर डालता है. जबकि डेल्टा फेफड़ों पर बहुत बुरा असर डालता था. डेल्टा से संक्रमित होने से ब्लैक फंगस तक हो जाता है. गौरतलब है कि Omicron खुद को श्वासनली में विकसित करता है. वहीं डेल्टा वेरिएंट श्वासनली में रुकने के बजाय सीधे फेफड़ों पर अटैक करता है.
बता दें कि श्वासनली की एंटीबॉडी Omicron वेरिएंट को कमजोर कर देती है. वहीं डेल्टा को रोकने में श्वासनली की एंटीबॉडी नाकाम है. डेल्टा वेरिएंट सीधे फेफड़ों पर असर करता है.
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डेल्टा की तुलना में Omicron वेरिएंट में मृत्यु दर काफी कम है इसीलिए Omicron को कम खतरनाक माना जा रहा है. हालांकि डेल्टा के मुकाबले Omicron कई गुना तेजी से फैलता है. इससे बड़ी संख्या में लोग संकमित होंगे. बर्लिन की स्टडी में खुलासा हुआ है कि फेफड़ों पर Omicron ज्यादा असर नहीं करता है. Omicron सामान्य फ्लू जैसा ही है.
साउथ अफ्रीका की एक स्टडी के अनुसार, Omicron वेरिएंट के संक्रमण में गंभीर मरीजों की समस्या कम है. Omicron से संक्रमित होने वालों में ज्यादा एंटीबॉडी है. वैक्सीन के मुकाबले इससे 14 गुना एंटीबॉडी शरीर में बनती हैं. डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले इससे नुकसान कम है. डेल्टा वेरिएंट को Omicron खत्म कर सकता है.
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