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नई दिल्ली: राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और नेवल अकादमी में महिला कैडेट्स के प्रवेश को लेकर सरकार नीति तय कर रही है. सरकार ने इन दोनों संस्थानों में महिला कैडेट्स को दाखिला देने का निर्णय तो कर लिया है लेकिन इसकी प्रक्रिया क्या होगी इसे लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पाठ्यक्रमों के लिए प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी जाएगी और कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है.
एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ से कहा कि उन्हें यह जानकारी साझा करते हुए खुशी हो रही है कि महिलाओं को एनडीए में प्रवेश दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम विस्तृत हलफनामा पेश करेंगे. भाटी ने कोर्ट को बताया कि 24 जून की परीक्षा को इस साल नवंबर तक के लिए टाल दिया गया था. कृपया इस परीक्षा में यथास्थिति प्रदान करें, क्योंकि इसके लिए प्रक्रिया और ढांचागत परिवर्तन की आवश्यकता है.
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पीठ ने कहा, 'हमने अधिकारियों को कदम उठाने के लिए कहा था. सशस्त्र बल देश में सम्मानित शाखा हैं, लेकिन लैंगिक समानता के लिए उन्हें और अधिक करने की आवश्यकता है. हम सरकार कि ओर से उठाए गए कदम से खुश हैं. हम मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे. सुधार एक दिन में नहीं हो सकते, हम भी जागरूक हैं.'
इसपर सुप्रीम कोर्ट से एएसजी भाटी ने कहा कि अभी सशस्त्र सेवाओं ने एनडीए में महिलाओं को शामिल करने का निर्णय लिया है और अन्य मुद्दों की जांच की जा रही है. उन्होंने इस मामले में पूरा पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम एएसजी की सराहना करते हैं कि उन्होंने सशस्त्र सेवाओं को अधिक लिंग संतुलन दृष्टिकोण अपनाने के लिए राजी किया. हम आशा करते हैं कि रक्षा बल महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देते हैं. हम चाहते हैं कि वे अदालतों के हस्तक्षेप के बजाय लिंग आधारित भूमिकाओं में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाएं.' मामले कि अगली सुनवाई 22 सितंबर को कि जाएगी.