दुनिया काफी उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रही है: पीएम नरेंद्र मोदी
Advertisement
trendingNow1242701

दुनिया काफी उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रही है: पीएम नरेंद्र मोदी

विकास और सुशासन को आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार द्वारा समूचे देश में आयोजित किए जा रहे सुशासन दिवस के तहत गुरुवार को अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया।

दुनिया काफी उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रही है: पीएम नरेंद्र मोदी

वाराणसी : विकास और सुशासन को आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार द्वारा समूचे देश में आयोजित किए जा रहे सुशासन दिवस के तहत गुरुवार को अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया। बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय (बीएचयू) के स्‍वतंत्रता भवन में पीएम मोदी ने आज एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन एक तरह का चरणामृत है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया काफी उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रही है। छह महीने के कार्यकाल के बाद मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि दुनिया हमारी तरफ काफी उम्‍मीदों के साथ देख रही है लेकिन हम इसके लिए तैयार नहीं हैं। मोदी ने कुशल शिक्षक तैयार करने का मिशन पेश किया ताकि देश और विदेशों में शिक्षकों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।

उन्‍होंने कहा कि भारत ने विश्‍व गुरु की भूमिका निभाई है। वाराणसी की धरती शिक्षा की संस्‍कृति थी। मैं मालवीय जी के जन्‍मदिन पर इस पावन भूमि पर आया हूं। 21वीं सदी भारत की जिम्‍मेदारियों की सदी है। 21वीं सदी ज्ञान की सदी है। मोदी ने शिक्षक के रूप में कैरियर आगे बढ़ाने की इच्छा रखने वालों के लिए स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद ‘पांच वर्षीय प्रशिक्षण कोर्स’ का विचार पेश किया और कहा कि देश को दुनिया भर में उत्कृष्ठ शिक्षकों के निर्यात का लक्ष्य बनाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने ऐसी शिक्षा नीति पर अपने नजरिए को साझा किया जो स्वच्छता की कमी और कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों को जड़ से उखाड़ने पर केंद्रित हो।

उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी में दुनिया के प्रति भारत की बड़ी जिम्मेदारी है जिसे ज्ञान की शताब्दी कहा जा रहा है। बीएचयू के एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने यह बात कही। यहां पर प्रधानमंत्री ने अंतर विश्वविद्यालयी शिक्षक शिक्षा केंद्र की आधारशिला रखी। मोदी ने इस अवसर पर 900 करोड़ रुपये की ‘पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन’ योजना का भी शुभारंभ किया जिसका नामांकरण बीएचयू के संस्थापक के नाम पर रखा गया है। मोदी सरकार ने मालवीय को (मरणोपरांत) भारत रत्न देने का कल ही निर्णय किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया में उपलब्ध अवसरों पर ध्यान देने की जरूरत है जहां कुशल एवं योग्य शिक्षकों की मांग बढ़ती जा रही है, साथ ही उसे दुनिया को उच्चकोटि के शिक्षकों का निर्यात करने की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि आज छात्र शिक्षक नहीं बनना चाहते हैं। छात्रों में उत्‍तम शिक्षक का सपना बोना होगा। भारत में बहुत युवाधन है। हर व्‍यक्ति की इच्‍छा है उसे अच्‍छा शिक्षक मिले। अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे शिक्षकों का कैसे निर्माण हो इस पर सोचने की जरूरत है। विश्‍व में उत्‍तम शिक्षकों की भारी कमी है। ट्रेनिंग से अच्‍छे शिक्षक तैयार हो सकते हैं। लाखों की तादाद में हम शिक्षको की कमी दूर कर सकते हैं। जीवन में मां और शिक्षक का बड़ा योगदान है। इसलिए बनारस की विरासत पर अलग अलग स्‍कूल बनाए जाएं। साहित्‍यकारों व कलाकारों के योगदान ने देश को खड़ा किया। कला व साहित्‍य के माध्‍यम से नवजागरण संभव। भारत के नवजागरण में साहित्यकार, कलाकार भूमिका निभाएं, माहौल बनाएं। सामाजिक मुद्दों स्वच्छता, बेटी बचाओ, कुपोषण आदि पर नाटक, मंचीय प्रस्तुति हो ताकि लोग जागरूक हों। बनारस की विरासत बचाने के लिए स्कूलों को आगे आने का आह्वान किया। पर्यटक तो स्वतः आएगा लेकिन उन्हें यहां रोकने का इंतजाम हमें करना है। स्कूल एक-एक विरासत में विशेषज्ञता लें और उसके अनुरूप कार्यक्रम तैयार करें। कोई विद्यालय कबीर तो कोई तुलसी पर खास कार्यक्रम तैयार करे। मंचीय प्रस्तुतियों रोज शाम एक घंटा के लिए हो। इसमें पर्यटकों को बुलाया जाय।

काशी में पर्यटन पर जोर देते हुए पीएम ने कहा कि काशी में टूरिस्‍ट मां गंगा की वजह से आएगा। टूरिस्‍ट तभी रुकेगा जब काशी की व्‍यवस्‍था ठीक होगी। स्‍वच्‍छता टूरिज्‍म के लिए बहुत जरूरी है। काशी में पर्यटक हमारे प्रयास से ही रुकेंगे।

fallback

पूरी दुनिया के भारत के हस्‍तशिल्‍प को देख रही है। इस दिशा में सार्थक कार्य किए जाने की जरूरत है। योग की महत्‍ता पर प्रधानमंत्री ने कहा कि योग बहुत बड़ा योगदान दे सकता है। आज विश्‍व तैयार बैठा है हमारे योग को अपनाने के लिए। योग दिवस के प्रस्‍ताव में 177 देश को-स्‍पान्‍सर बने। 177 देशों का को-स्‍पान्‍सर बनना एक रिकार्ड है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीएचयू में इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर्स एजुकेशन की आधारशिला रखी। इस सेंटर पर 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
 
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के जगन्नाथ गली में झाड़ू लगाई। मोदी अस्सी घाट भी पहुंचे और निरीक्षण के बाद सफाई अभियान के नए चरण का शुभारंभ किया। उन्होंने इसके लिए नौ और लोगों को नॉमिनेट किया। उन्होंने कुछ संस्थाओं को भी स्वच्छता अभियान के लिए नॉमिनेट किया। मोदी ने अस्‍सी घाटा का घूमकर का निरीक्षण भी किया। उन्होंने अस्सी घाट पर अपने संक्षिप्त संबोधन में लोगों को सफाई के लिए धन्यवाद दिया।

मोदी ने कहा कि काशी के नागरिकों का और संगठनों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। वर्षों से ये घाट अपनी श्रद्धा की पहचान हैं लेकिन मिट्टी में दबे हुए थे। जब मैं पिछली बार 7 नवंबर को वाराणसी आया था तब लोगों को मिट्टी साफ करने का आह्वान किया था। सभी ने मिलकर शानदार काम किया है।

इससे पहले, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसदों को सुशासन दिवस के मौके पर अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में मौजूद रहने को कहा गया है और प्रधानमंत्री ने खुद अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पहुंचकर इसका उदाहरण दिया है। मोदी ने ट्वीट किया कि विकास और सुशासन आगे बढ़ने के एकमात्र रास्ते हैं। हम साथ मिलकर लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाएं और एक विकसित भारत स्थापित करें।

प्रधानमंत्री का विमान दोपहर के करीब बाबतपुर हवाईअड्डे पर उतरा, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राज्य मंत्री अहमद हसन ने उनकी अगवानी की। रेल मंत्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा तथा प्रदेश भाजपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी बीती रात से ही शहर में डेरा डाले हुए हैं।

Trending news