Ayodhya News: श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई है- जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी, सो नृप अवसि नरक अधिकारी’. जिसका हवाला देकर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी रामराज लाने की दिशा में काम करने का दावा करती है. इसबीच 9 नवंबर 2023 को योगी आदित्यनाथ अपनी कैबिनेट के साथ रामलला की शरण पहुंचे. ऐसा करके बीजेपी क्या संदेश देना चाहती है, आइए जानते हैं.
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CM Yogi Adityanath Cabinet meet in Ayodhya : अयोध्या में दीपोत्सव से पहले बड़ा आयोजन होने जा रहा है. अयोध्या में आज कैबिनेट की बैठक है. सीएम योगी आदित्यनाथ की पूरी कैबिनेट आज रामलला के दर्शन करेगी. इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान धार्मिकता से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगेगी. अयोध्या में पहली बार कैबिनेट बैठक का आयोजन कर सरकार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को भी धार देगी. केंद्र की मोदी सरकार से लेकर यूपी की योगी सरकार अयोध्या को दुनिया की सबसे बेहतरीन नगरी बनाने में जुटी है. ऐसे में आज की तारीख इतिहास के सुनहरे पन्ने में दर्ज होने जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार की कैबिनेट पहली बार रामलला के चरणों में हो रही है.
9 नवंबर की तारीख का चयन क्यों?
9 नवंबर की तारीख एक बार फिर ऐतिहासिक होने जा रही है. सीएम योगी ने कैबिनेट मीटिंग के लिए जगह अयोध्या जी और तारीख 9 नवंबर ही क्यों चुनी आइए जानते हैं. दरअसल ये तारीख इसलिए चुनी गई है क्योंकि 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर का पहला शिलान्यास हुआ था. वहीं नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राम मंदिर के निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त हुआ था. ऐसे में 2023 में भी 9 नवंबर को ऐतिहासिक तारीख बनाने की मुहिम में सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह 11 बजे अयोध्या स्थित रामकथा पार्क पहुंचेंगे.
पहले प्रयागराज अब अयोध्या में कैबिनेट की बैठक
सीएम योगी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल के सभी सदस्य हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि परिसर का पूजन एवं श्री रामलला विराजमान मंदिर में दर्शन एवं पूजन करेंगे. मुख्यमंत्री के साथ सरकार के मंत्री दीपोत्सव की तैयारियों का भी जायजा लेगें. आपको बताते चलें कि यूपी की योगी सरकार पहले भी एक ऐसी बैठक करके जनता को स्पष्ट संकेत दे चुकी है.
कई प्रस्तावों पर लगेगी मुहर
उदाहरण के लिए 2019 में कुंभ मेला के दौरान प्रयागराज में भी मंत्रिपरिषद की बैठक की गयी थी. प्रयागराज में 2019 में आयोजित कैबिनेट बैठक में मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दी गई थी. उसी तरह अयोध्या में होने वाली कैबिनेट बैठक में रामनगरी और उसके आसपास के इलाकों को सौगात मिल सकती है. दरअसल विभिन्न विभागों ने कैबिनेट के लिए प्रस्ताव भेजे थे. इस बैठक में पर्यटन से संबंधित विभागों के छह प्रस्ताव रखे जायेंगे. अन्य और भी प्रस्ताव हैं, जिन पर कैबिनेट अपनी मुहर लगाएगी.
भगवान राम की नगरी अयोध्या का कण कण पावन है. कलियुग के देवता हनुमानजी महाराज स्वयं यहां अपनी गढ़ी में विराजमान है. इस भूमिका के बीच अयोध्या में 9 नवंबर की तारीख इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने जा रही है.