ZEE जानकारी: आतंकवाद पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान का खान का कबूलनामा
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ZEE जानकारी: आतंकवाद पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान का खान का कबूलनामा

अमेरिका में इमरान खान ने कबूल किया कि पाकिस्तान आतंकवादियों को संरक्षण देता रहा है. 

ZEE जानकारी: आतंकवाद पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान का खान का कबूलनामा

अमेरिका में इमरान खान ने Capitol Hill reception कार्यक्रम के दौरान अमेरिका के कई सांसदों और बड़ी हस्तियों के बीच ये कबूल किया कि पाकिस्तान आतंकवादियों को संरक्षण देता रहा है. इमरान खान ने पाकिस्तान में 40 आतंकवादी संगठनों के होने की बात भी मानी . हालांकि किसी चतुर राजनेता की तरह उन्होंने अपने बयान में ये बात भी जोड़ दी कि ये सब उनकी सरकार आने से पहले हो रहा था . लेकिन हकीकत ये है कि पाकिस्तान में आज भी करीब इतने ही आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं . और जैश-ए-मोहम्मद भी पाकिस्तान की आतंक वाली फैक्ट्री का एक Product है . 

इसके अलावा इमरान खान ने वॉशिंगटन के US Institute of Peace में आयोजित एक कार्यक्रम में ये बात भी मानी कि कश्मीर और अफगानिस्तान में पाकिस्तान द्वारा तैयार किए गए आतंकवादी सक्रीय हैं. इमरान खान के मुताबिक इन आतंकवादियों की संख्या 30 से 40 हज़ार है . 

यानी इमरान खान ने ना सिर्फ ये बात मान ली है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए स्वर्ग है, बल्कि उन्होंने अपने गुनाहों का Data भी खुद ही रिलीज़ कर दिया है .

इमरान खान की ये बातें सुनकर पाकिस्तान प्रेमी गैंग को बड़ी तकलीफ हो रही होगी . क्योंकि ये गैंग इमरान खान को शांति का मसीहा मानता है . लेकिन आज इमरान खान के कबूलनामे ने पाकिस्तान प्रेमी गैंग और सबूत गैंग के मुंह पर भी ताला जड़ दिया है .

पुलवामा हमला इसी साल 14 फरवरी को हुआ था, हमले के फौरन बाद भारतीय सेना ने बदले की कार्रवाई शुरू कर दी थी और 18 फरवरी को पुलवामा हमले के बदले की पहली किश्त आ गई थी. तब सुरक्षाबलों ने इस हमले के एक मास्टरमाइंड को मार दिया था . इस आतंकवादी का नाम था - कामरान उर्फ गाज़ी . हालांकि इस मुठभेड़ में सेना के कुछ वीर जवान भी शहीद हो गए थे. आज उन्हीं जवानों की शहादत को एक बार फिर याद करने का भी दिन है . 

आज, 17 फरवरी 2019 को नौशेरा में एक Landmine को डिफ्यूज़ करते वक्त शहीद होने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट को भी याद किया जाना चाहिए . जिनकी इसी साल 7 मार्च को शादी होनी थी . 

इसके साथ ही पुलवामा एनकाउंटर में शहीद होने वाले मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल, के परिवार की उस पीड़ा को भी याद कीजिए जिसे पूरे देश ने उस वक्त देखा था, जब उनकी पत्नी उन्हें आखिरी विदाई दे रही थीं . पुलवामा हमले में शहीद होने वाले CRPF जवान मोहनलाल की बेटी की रुला देने वाली तस्वीरें आज भी देश नहीं भूला है .

पुलवामा हमले के दो दिन बाद 16 फरवरी को शहीद CRPF जवानों के पार्थिव शरीर दिल्ली लाए गए थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उन्हें श्रद्धांजलि देने दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंचे थे . तब प्रधानमंत्री मोदी ने शहीदों की परिक्रमा भी की थी . उस वक्त कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के तमाम बड़े नेता भी वहां मौजूद थे . 

तब ऐसा लगा था कि शहीदों की खातिर पूरा देश एकजुट हो गया है, राजनेताओं ने आपसी मतभेद भुला दिए हैं और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए देश की सरकार को पूरा समर्थन देने का फैसला किया है.

लेकिन हमले के कुछ दिनों बाद ही, कांग्रेस ने इस पर राजनीति शुरू कर दी थी . कांग्रेस ने 21 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हमले को लेकर कई सवाल उठाए थे . इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में Air Strike के जरिए पुलवामा हमले का सबसे बड़ा बदला ले लिया . लेकिन तब भी सबूत गैंग को चैन नहीं आया . और उन्होंने भारतीय वायुसेना के इस पराक्रम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए . 

ये आतंकवाद के खिलाफ़ भारत की एक बहुत बड़ी कार्रवाई थी. और इसके पीछे भारत के वायु सैनिकों की मेहनत और वीरता थी. लेकिन भारत के कुछ राजनीतिक दल और बुद्धिजीवी... सरकार और सेना से, इस Air Strike के सबूत मांगने लगे और पूछा कि बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई के दौरान गिराए गए Bomb....जैश के अड्डों पर गिरे या फिर जंगल के पेड़ों पर गिरे ? कुछ लोग ये भी पूछ रहे थे, कि आतंकवादी मारे भी गए या नहीं ? अगर हां, तो मरने वालों की संख्या क्या है? हालांकि तब वायुसेना प्रमुख, ए ने इन सभी सवालों के जवाब दिए थे . और सबूत मांगने वालों को आईना दिखा दिया था .

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