हमारा ये विश्लेषण भारत के हवाई यात्रियों की सुरक्षा को समर्पित है. विमान यात्रियों की ज़िंदगी से बहुत बड़ा समझौता किया जा रहा है.
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आज हम विमान में सफ़र करने वाले लोगों को सावधान करना चाहते हैं. आम तौर पर विमान का टिकट लेने से पहले यात्री एयरलाइन देखते हैं, किराया देखते हैं, और इस बात का ध्यान रखते हैं कि Window सीट उपलब्ध है या नहीं, लेकिन कोई इसपर ध्यान नहीं देता कि वो किस मॉडल के विमान में उड़ान भरेंगे और विमान के पायलट कितने अनुभवी हैं. आज DNA में हम ये सवाल इसलिये उठा रहे हैं, क्योंकि विमान यात्रियों की ज़िंदगी से बहुत बड़ा समझौता किया जा रहा है. हमारा ये विश्लेषण भारत के हवाई यात्रियों की सुरक्षा को समर्पित है.
दो दिन पहले ही Ethiopian Airlines का एक विमान Crash हुआ था और इसमें 157 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें कुछ भारतीय भी शामिल थे. ये सभी Ethiopian Airlines के Boeing 737 Max 8 विमान में सफ़र कर रहे थे. इसके बाद पूरी दुनिया में बोइंग के इस विमान पर सवाल उठने शुरू हो गये. अब दुनिया के 12 देशों ने इन विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी है. लेकिन इन 12 देशों में भारत का नाम नहीं है, जो कि भारत के हवाई यात्रियों के लिए चिंता की बात है. पिछले 6 महीनों में बोइंग के इस विमान का ये दूसरा क्रैश है. आपको याद होगा पिछले साल 29 अक्टूबर को इंडोनेशिया में Lion Air का एक विमान क्रैश हुआ था. इस हादसे में 189 यात्रियों की मौत हो गई थी। इन दोनों दुर्घटनाओं में कई समानताएं हैं, जिनसे ये सवाल उठते हैं कि क्या दोनों दुर्घटनाओं की वजह, एक ही है?
इन दोनों ही दुर्घटनाओं में इस्तेमाल हुए विमान Boeing 737 Max 8 मॉडल के थे और इन्हें विमान बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी Boeing ने तैयार किया था. और ये दोनों ही विमान अपनी उड़ान के कुछ मिनट बाद ही Crash हो गये थे. शुरुआती जांच में ये पाया गया कि विमान के एक नये फीचर में कुछ दिक्कतें हैं, जिन्हें ठीक किया जाना ज़रूरी है वर्ना ऐसे हादसों की आशंका बनी रहेगी. इस विमान मे Boeing ने पहली बार M.C.A.S तकनीक का इस्तेमाल किया है. इसे flight-control feature भी कहा जाता है. और अब इसी फीचर पर सवाल उठ रहे हैं.
हैरानी की बात ये हैं कि Boeing को इस विमान के अब तक 5 हज़ार से ज़्यादा ऑर्डर मिल चुके हैं. यानी जो विमान पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. Boeing ने उसे बेचना शुरू कर दिया है. पूरी दुनिया में अभी Boeing 737 Max 8 मॉडल के करीब 300 विमान उड़ान भर रहे हैं. अब पूरी दुनिया की Aviation industry में इस बात पर बहस हो रही है कि क्या Boeing ने मुनाफ़े के लिये हज़ारों यात्रियों की ज़िंदगी को दांव पर लगा दिया? Boeing 737 दुनिया में सबसे ज़्यादा बिकने वाला यात्री विमान है.
1960 के दशक में इसका उत्पादन शुरू हुआ और अब तक 10 हज़ार से ज़्यादा बोइंग 737 बनाये जा चुके हैं, लेकिन वक़्त के साथ कंपनी इसके आधुनिक Version लाती रही. 2016 में बोइंग ने 737 Max 8 मॉडल को इस श्रेणी का सबसे आधुनिक विमान बताकर पेश किया था. लेकिन इन दो हादसों ने Boeing को Back Foot पर ला दिया है. Ethiopian Airlines के हादसे के बाद बोइंग का शेयर पांच हफ़्तों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. दुनिया की करीब 70 एयरलाइन कंपनियां जो Boeing के 737 Max 8 मॉडल को उड़ा रही हैं, वो अब Boeing को शक की नज़रों से देख रही हैं. वैसे नोट करने वाली बात ये भी है कि पिछले 20 वर्षों में Boeing के 25 विमान क्रैश हो चुके हैं.
भारत में दो कंपनियां... Spice jet और Jet airways बोइंग 737 max 8 विमान उड़ाती हैं. Spice Jet के पास 13 बोइंग 737 max 8 विमान हैं, और उसने 142 नये विमानों का ऑर्डर बोइंग को दिया है. Jet airways के पास ऐसे 5 विमान हैं, जबकि उसने 150 ऐसे विमानों का ऑर्डर दिया है. भारत में विमानों की तकनीकी गुणवत्ता पर नज़र बनाये रखने वाली संस्था Directorate General of Civil Aviation. यानी DGCA ने काफ़ी नर्म रुख़ अपनाया है. उसने विमान की कमियों को अनदेखा करते हुए, पायलट को लेकर निर्देश जारी किये है. DGCA ने कहा है कि ऐसे विमान के Pilot को कम से कम एक हज़ार घंटे विमान उड़ाने का अनुभव ज़रूरी है जबकि को co-pilot के लिये 500 घंटे का अनुभव ज़रूरी हैं.
इसके अलावा Jet airways और SpiceJet ने भी इस मामले पर सफाई दी है. Jet airways ने कहा है कि उसके पांचों Boeing 737 MAX-8 विमान अभी उड़ान नहीं भर रहे हैं और कंपनी इस मामले में बोइंग और DGCA के संपर्क में है. जबकि SpiceJet ने कहा है कि Boeing 737 MAX-8 बहुत ही आधुनिक विमान है. उसने इस विमान पर हज़ारों घंटों की उड़ान भरी है. दुनिया में कई बड़ी एयरलाइन कंपनियां इस विमान को उड़ा रही हैं. हम बोइंग और DGCA के संपर्क में हैं. कंपनी ने कहा है कि उसके लिये यात्रियों की सुरक्षा सबसे अहम है और सभी नियमों का पालन किया जा रहा है. 6 महीने में दो 737 MAX-8 विमानों के क्रैश के बाद, जिन 12 देशों ने इनकी उड़ान पर पाबंदी लगाई है, उनमें अब तक भारत शामिल नहीं है.
ये देश हैं
Ethiopia
ब्रिटेन
चीन
Singapore
Indonesia
Australia
Mexico
Argentina
South Africa
South Korea
Malaysia
और
Mongolia
यानी कई देश अपने नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए Boeing 737 max 8 पर बैन लगा चुके हैं. लेकिन भारत ने अब तक इस विमान पर कोई सख़्त रुख़ नहीं अपनाया है. आज Boeing जैसी कंपनियों और उनके व्यापार करने के तरीक़े को कठोर सवालों की कसौटी पर आंकना ज़रूरी है.
जब भी कोई विमान हादसा होता है.. तो उसकी बड़े पैमाने पर जांच की जाती है. इसमें एयरलाइन से लेकर विमान बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर तक शामिल होते हैं. वो हादसे की वजह की तह तक जाते हैं. लेकिन Ethiopian Airlines के हादसे से लगता है कि Boeing ने.. LION AIR वाले क्रैश से कोई सबक़ नहीं लिया और 6 महीने में Boeing 737 Max 8 विमान दूसरी बार Crash हो गया.
LION Air हादसे में जो जांच हुई उसमें विमान के एक sensor में ख़राबी पाई गई थी. ये sensor Boeing 737 Max 8 विमान के आधुनिकीकरण का ही एक हिस्सा है. इससे Pilot को विमान को तय ऊंचाई पर उड़ाने में मदद मिलती है, लेकिन अगर ये Sensor ही फेल हो गया तो पायलट क्या करेगा. Lion Air के विमान में यही हुआ था और विमान... pilot के निय़ंत्रण से बाहर होकर सीधे समुद्र में गिर गया था. Boeing कंपनी जब 2016 में 737 Max 8 विमान को दुनिया के सामने लाई थी तो बड़े बड़े दावे किये गये थे. कंपनी तेज़ी से बढ़ते एवियेशन उद्योग में अपना मार्केट शेयर बढ़ाना चाहती थी. छोटे passenger jet जिसमें 200 लोग यात्रा कर सकते हैं, इस श्रेणी में Boeing की सीधी टक्कर फ्रांस की कंपनी Airbus से है.
Boeing को Airbus के A-320 से कड़ी टक्कर मिल रही है. सैन्य भाषा में आप ये भी कह सकते हैं कि दोनों कंपनियों के बीच Dog Fight चल रही है। दोनों एक दूसरे को पछाड़ना चाहती हैं. boeing का मार्केट शेयर 43 प्रतिशत है, जबकि Airbus के पास 45 प्रतिशत मार्केट शेयर है. पिछले 10 वर्षों में Airbus को Boeing से ज़्यादा ऑर्डर मिले हैं. लेकिन 737 Max 8 ने Boeing की क़िस्मत बदल दी है. पिछले एक साल में Boeing को नये विमानों के 893 ऑर्डर मिले जबकि Airbus को 747
(source - Forbes)
अब Boeing को इस बात की चिंता है कि Ethiopian airlines के हादसे के बाद उसके 5 हज़ार विमानों के ऑर्डर का क्या होगा. अगर ये ऑर्डर रुके या कम हुए, तो इससे ना सिर्फ़ Boeing की बर्बादी होगी, बल्कि अमेरिका में भी रोज़गार का संकट पैदा होगा. Boeing कंपनी सिर्फ़ अमेरिका में डेढ़ लाख से ज़्यादा ((153027)) लोगों को रोज़गार देती है. अगर ये ऑर्डर कम हुए तो कंपनी अपने कर्मचारियों को हटाने के लिये मजबूर हो जाएगी और इसका असर अमेरिका की राजनीति पर भी पड़ेगा ((source - Forbes)). Boeing पर ये आरोप भी हैं कि उसके 737 विमान के आधुनिक Version के कई Features को लेकर पायलट भी अनजान हैं. इसके लिये उन्हें कोई ख़ास ट्रेनिंग नहीं दी गई.
ये ऐसा ही है जैसे किसी नये विमान के पायलट को ये पता ही ना हो कि उसे उड़ाया कैसे जाता है. ऐसा लगता है कि 737 max 8 को लेकर Boeing कंपनी काफ़ी लापरवाह रही है. उसने इस प्रोजेक्ट पर पूरी तरह homework नहीं किया और बड़ी संख्या में विमान का ऑर्डर प्राप्त करने के बावजूद, उसकी कमियों को नज़रअंदाज़ कर दिया. इंडोनेशिया का LION AIR क्रैश, इसका उदाहरण है. फिलहाल आलोचना से बचने के लिए बोइंग ने एक सधी हुई प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कंपनी इस मामले की जांच कर रही है.