ZEE जानकारीः भारत की पहली न्यूक्लियर सबमरीन का 'शक्ति परीक्षण'
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ZEE जानकारीः भारत की पहली न्यूक्लियर सबमरीन का 'शक्ति परीक्षण'

जिस तरह धनतेरस के मौके पर आप बर्तन खरीदकर लाते हैं.. उसी तरह आज भारत की न्यूक्लियर सबमरीन.. पूरी तैयारी के साथ अपने घर आ गई है.

ZEE जानकारीः भारत की पहली न्यूक्लियर सबमरीन का 'शक्ति परीक्षण'

आज भारत को दुश्मनों का नाश करने वाली परमाणु शक्ति मिली है. आज आप सभी को इस बात पर गर्व होना चाहिए, कि आपका देश, जल, थल और वायु..तीनों से परमाणु हमला करने वाला देश बन चुका है. भारत की पहली परमाणु Ballistic मिसाइल Submarine, INS अरिहंत ने अपना पहला Deterrence Patrol यानी समुद्र में अपनी पहली Operational तैनाती पूरी कर ली है. साधारण भाषा में कहें, तो INS अरिहंत, समुद्र की गरहाईयों में अपनी पहली पेट्रोलिंग करने के बाद वापस स्वदेश लौट आई है.

समुद्र में गश्त पूरी करने का अर्थ ये हुआ, कि भारत में बनी पहली परमाणु पनडुब्बी समुद्र के अंदर, किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए पूरी तौर पर सक्षम हो चुकी है. इसी के साथ भारत का Nuclear Triad यानी भारत की परमाणु शक्ति का त्रिशूल पूरी तरह तैयार हो चुका है. अरिहंत दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला है अरि और दूसरा है हंत. अरि का मतलब होता है शत्रु यानी दुश्मन. और हंत का मतलब होता है - विनाश. यानी अरिहंत का शाब्दिक अर्थ हुआ - दुश्मन का विनाश करने वाला...

INS अरिहंत को आप भारत की साढ़े सात हजार किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा का परमाणु कवच भी कह सकते हैं...इसका निर्माण 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से Advanced Technology Vessel Project के तहत विशाखापट्टनम में हुआ है...हालांकि, ये भी विडंबना है, कि INS अरिहंत प्रोजेक्ट को पूरा होने में 46 वर्ष का लंबा वक्त लगा. वर्ष 1970 में INS अरिहंत प्रोजेक्ट को मंज़ूरी मिली थी. 1984 में INS अरिहंत का डिजाइन और तकनीक फाइनल हुई लेकिन इसके 14 वर्ष बाद 1998 में प्राइवेट सेक्टर की मदद से प्रोजेक्ट पर काम शुरु हो पाया. ये सब बहुत गोपनीय तरीके से किया गया, क्योंकि Nuclear Submarines देश की सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील विषय हैं

2009 में पहली बार INS अरिहंत के बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई थी. 2013 में INS अरिहंत के फाइनल परीक्षण शुरु हुए और 2016 में सभी परीक्षणों में सफल होने के बाद, INS अरिहंत को भारतीय नेवी में शामिल कर लिया गया. INS अरिहंत, परमाणु उर्जा से चलने वाली Submarine है. यानी दूसरी पनडुब्बियों की तरह कुछ दिनों में समुद्र की सतह और दुश्मन की नज़रों में आने की कोई ज़रुरत नहीं है.  कोई भी Nuclear Submarine अनिश्चितकाल तक, समुद्र के अंदर रह सकती है. लेकिन, इसपर तैनात जवानों पर होने वाले मानसिक और शारीरिक दबावों की वजह से इसे हर 3 महीने में एक बार सतह पर आना होगा. INS अरिहंत पर देश में ही तैयार किए गए K-Series के मिसाइल तैनात किए जाएंगे. जिनकी मदद से भारत सैकड़ों किलोमीटर दूर से दुश्मन के किसी भी ठिकाने को पूरी तरह बर्बाद कर सकता है.

अक्सर कहा जाता है कि देर आये, दुरुस्त आए..ये कहावत Made In India, INS अरिहंत सबमरीन पर बिलकुल सटीक बैठती है... वैसे आपको बता दें कि Defence Research and Developement Organisation यानी DRDO...INS अरिहंत जैसी कुल चार Nuclear Submarines बना रहा है. और इन्हीं में से एक अरिघात Nuclear Submarine को कुछ महीने पहले ही समुद्री परीक्षण के लिए पानी में उतार दिया गया है. आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि में शामिल INS अरिहंत की टीम की तारीफ़ की और इस पनडुब्बी को दुश्मनों के लिए साक्षात मौत बताया. प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि ये पनडुब्बी, परमाणु हथियारों के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने वालों के लिए करारा जवाब है. हमें लगता है, कि धनतेरस के शुभ दिवस पर देश की सुरक्षा में चार-चांद लगाने वाले INS अरिहंत से आपका परिचय कराना ज़रुरी है.

जिस तरह धनतेरस के मौके पर आप बर्तन खरीदकर लाते हैं.. उसी तरह आज भारत की न्यूक्लियर सबमरीन.. पूरी तैयारी के साथ अपने घर आ गई है. वैसे जल...थल और वायु मार्ग से परमाणु हमला करने की शक्ति दुनिया में गिने चुने देशों के पास है. भारत इनमें से एक है. आपका देश, दुनिया का छठा ऐसा देश बन गया है, जो संपूर्ण रुप से Nuclear Submarine की ताकत रखता है. आपको बताते हैं कि भारत के अलावा कौन से 5 देशों के पास Nuclear Submarines हैं...

अमेरिकन नेवी की Submarines को दुनिया की सबसे खतरनाक Water Machines कहा जाता है...कहा जाता है कि अमेरिका ने पहले विश्वयुद्ध से ही Submarines का इस्तेमाल शुरु कर दिया था...आज अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा 71 Nuclear Submarines हैं. संख्या के मामले में Russia दूसरे नंबर पर है. जिसकी नेवी के पास 50 Nuclear Submarines की ताकत है. चीन ने वर्ष 1978 में Nuclear Submarines बनाना शुरु किया था...वर्ष 1981 में चीन की पहली Nuclear Submarine लॉन्च हुई थी. ऐसा माना जाता है कि चीन अपनी 20 Nuclear Submarines हमेशा समुद्र में तैनात रखता है.

ब्रिटेन के पास भी Nuclear Submarines हैं..ब्रिटेन ने वर्ष 2010 में S2 क्लास के नाम से Nuclear Submarine लॉन्च की थी...इस वक्त ब्रिटेन के पास 6 Nuclear Submarines हैं. जबकि फ्रांस की नेवी भी 5 Nuclear Submarines के साथ इस लिस्ट में शामिल है और अब भारत भी अपनी पहली Nuclear Submarine INS अरिहंत के साथ इस लिस्ट में छठे देश के तौर पर शामिल हो गया है...ये भारत के लिए गर्व का विषय है. हमें उम्मीद है कि आने वाले वक़्त में भारत इस लिस्ट में और ऊपर जाएगा.

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