Zee जानकारी : दुनिया में हर पांच दिन में एक पत्रकार की जाती है जान
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Zee जानकारी : दुनिया में हर पांच दिन में एक पत्रकार की जाती है जान

Zee जानकारी : दुनिया में हर पांच दिन में एक पत्रकार की जाती है जान

आईएसआईएस ने 10 जून 2014 को इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसूल का अपहरण कर लिया था। ISIS के सैकड़ों हथियारबंद आतंकवादियों ने मोसूल शहर के पुलिस स्टेशन्स और सरकारी इमारतों पर कब्ज़ा कर लिया था। और साथ ही ISIS के आतंकवादियों ने वहां के Central Bank से 429 मिलियन डॉलर्स यानी क़रीब 2 हज़ार 574 करोड़ रुपये लूट लिए थे। तब से लेकर आज तक मोसूल शहर में ISIS के आतंकवादी अपनी सरकार चला रहे हैं। 

लेकिन ताज़ा ख़बर ये है, कि आतंकवादी अबु बकर अल-बगदादी और उसके आतंकवादी संगठन ISIS का अंत क़रीब आ चुका है। मोसुल में हो रही निर्णायक लड़ाई में इराकी सेना ने आतंकवादियों को चारों तरफ से घेर लिया है, 2 साल के लम्बे इंतज़ार के बाद पहली बार इराक की सेना मोसूल शहर में प्रवेश कर चुकी है। ज़ी मीडिया की टीम इस वक्त मोसूल में मौजूद है और वहां से लगातार इस बड़े घटनाक्रम पर Ground Reporting कर रही है। हमारे संवाददाता ने मोसूल से कुछ ऐसी ही हैरान कर देने वाली तस्वीरें भेजी हैं, जो विश्लेषण की मांग करती हैं।

- ये बात तो आप सभी जानते हैं, कि आतंकवादी हर व्यक्ति को अपने शिकार के रूप में देखते हैं...फिर चाहे वो कोई आम इंसान हो या फिर दुनिया के सामने सच रखने वाला कोई पत्रकार। DNA में मैं कई बार इस बात का ज़िक्र भी कर चुका हूं, कि एक पत्रकार के लिए War Zone में Reporting करना कितना ख़तरनाक होता है। दुनिया के बहुत से हिस्सों में एक पत्रकार के तौर पर ज़िंदा बच पाना आसान नहीं हैं। 

- UNESCO ने एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक, दुनियाभर में हर 5 दिन में एक पत्रकार की मौत हो जाती है। 

- रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2006 से 2015 के बीच 827 पत्रकार अपना काम करते हुए मारे गए।

- इनमें से 115 पत्रकारों की मौत पिछले वर्ष हुई, आपको ये भी बता दें कि इस रिपोर्ट में 2015 को Deadliest Year In Journalism की श्रेणी में रखा गया है। 

- पिछले 2 वर्षों में 59 फीसदी पत्रकारों की मौत उन इलाकों में हुई जहां टकराव की स्थिति बनी हुई है। 

- जिन देशों में सबसे ज़्यादा संख्या में पत्रकारों को अपनी जान गंवानी पड़ी, उसमें Syria, Iraq, Yemen और Libya प्रमुख हैं।

- एक दूसरे सर्वे के मुताबिक इराक और सीरिया के बाद भारत पत्रकारों के लिए तीसरा सबसे खतरनाक देश है। 

- खतरों के बीच अपनी ज़िंदगी को दांव पर लगाने वाले तमाम पत्रकारों के जज़्बे को हम सलाम करते हैं।

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