Zee जानकारी : भारत में क्यों फेल है एंबुलेंस सेवा?
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Zee जानकारी : भारत में क्यों फेल है एंबुलेंस सेवा?

Zee जानकारी : भारत में क्यों फेल है एंबुलेंस सेवा?

DNA में हमारा आज का Extra विचार, समाज की नैतिक सोच पर प्रहार करेगा। इसलिए मैं चाहूंगा, कि देश का ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते आप इस विश्लेषण को देखिए और इसमें छिपी शिक्षा को अपने परिवार और दोस्तों के साथ Share कीजिए। इस विश्लेषण के केंद्रबिन्दु में South Korea से आया 52 Second का एक Video है।

इस Video में आप देख सकते हैं, कि कैसे एक सुरंग में सड़क दुर्घटना की वजह से लम्बा जाम लगा हुआ है। लेकिन हमारे देश भारत की तरह South Korea के लोगों ने मूकदर्शक बनकर तमाशा नहीं देखा। बल्कि उन्होंने अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी निभाई। सुरंग में मौजूद हर गाड़ी के Driver ने पहले अपनी Car को किनारे लगाया। और फिर गाड़ी से उतरकर दूसरी गाड़ियों को किनारे होने के लिए कहा। ये सब सिर्फ इसलिए हुआ, ताकि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति तक Ambulance बिना किसी देरी के पहुंच सके।

अब Ambulance की इसी तस्वीर को भारत का चश्मा पहनकर देखने की कोशिश कीजिए। आपने देखा भी होगा और महसूस भी किया होगा, कि भारत में Ambulance को रास्ता देने का कोई खास रिवाज़ नहीं है। हमने समय-समय पर इस दूषित सोच का विश्लेषण भी किया है। लेकिन दुख की बात ये है, कि हमारे देश में लगभग हर रोज़ Ambulance सेवाएं फेल हो जाती है.. क्योंकि उन्हें सड़क पर रास्ता ही नहीं मिलता।

- World Health Organisation की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में गंभीर रूप से ज़ख्मी मरीज़ों में से 51 फीसदी को Ambulance की सुविधा नहीं मिल पाती।

- एक बड़ी समस्या ये भी है, कि तत्काल ज़रूरत पड़ने पर जहां Ambulance को 10 मिनट के Reporting Time में पहुंच जाना चाहिए, वहां आधे से 1 घंटे तक का समय लग जाता है।

- कई बार मरीजों की स्थिति बहुत बिगड़ जाती है और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो जाती है।

- एक आंकड़े के मुताबिक, भारत में प्रति वर्ष 30 लाख लोगों को दिल का दौरा पड़ता है। इनमें से 40 प्रतिशत मरीज़ों की मौत इसलिए हो जाती है, क्योंकि वो सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते।

- हमारे देश में सड़क पर अवैध निर्माण.. अवैध पार्किंग.. और अवैध रूप से बनाई गई दुकानों की वजह से.. जगह बहुत कम हो गई है.. हालात ये हो गये हैं कि अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो एंबुलेंस, Fire brigade या PCR वैन.. मौके पर पहुंच ही नहीं सकती।

- भारत में Emergency वाहनों का रास्ता रोकने पर या रास्ता ना देने पर अलग-अलग राज्यों में 500 रूपये से लेकर 2 हज़ार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन शायद ही कोई इस नियम के बारे में जानता होगा और अगर जानता भी होगा, तो कम ज़ुर्माने की वजह से इस कानून का सम्मान नहीं होता

वर्ष 1989 के Rules of the Road Regulations का एक नियम कहता है, कि गाड़ी चलाने वाले हर व्यक्ति के लिए Ambulance और Fire Service Vehicles को रास्ता देना अनिवार्य है। लेकिन अलग-अलग वजहों से लोग ऐसा नहीं करते। इसलिए आम लोगों के मन में सामाजिक ज़िम्मेदारी का भाव जगाने के लिए.. मैं आपको एक Video दिखाना चाहता हूं। ताकि आप समझ सकें, कि किसी बीमार व्यक्ति की जान बचाने के लिए चमत्कार की नहीं.. डॉक्टर की ज़रूरत होती है.. इसलिए बीमार व्यक्ति को डॉक्टर तक तेज़ी से पहुंचाने के लिए Ambulance को रास्ता देना ज़रूरी है।

आप शायद इस तथ्य से अनजान होंगे कि Ambulance को रास्ता देने के लिए आप Traffic Signal भी Jump कर सकते हैं। इसके लिए आपको कोई जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। हालांकि Ambulance को रास्ता देने के लिए अचानक Brake ना लगाएं या झटके से अचानक गाड़ी को किनारे करने की कोशिश ना करें। इससे Accident हो सकता है।

- ध्यान रखें कि जब तक Emergency Vehicle ना गुज़र जाए तब तक इंतज़ार करें। अगर Main Road पर Jam लगा होता है, तो कई बार Emergency Vehicle, Service Lanes का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए कभी भी Service Lane को Block ना करें।

- और सबसे ज़रुरी बात, कभी भी Emergency Vehicle का पीछा ना करें या फिर उससे आगे निकलने की कोशिश करें।

- इन छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखकर, आप ना सिर्फ अपनी ज़िम्मेदारी निभा सकते हैं। बल्कि आपका उठाया गया एक कदम, किसी मरते हुए व्यक्ति की जान बचा सकता है।

ज़रूरतमंद की मदद करने का संस्कार हमारे DNA में होना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता तो सरकारों, संस्थाओं, पुलिस, अदालतों और जिम्मेदार पत्रकारों और संपादकों का ये कर्तव्य बनता है कि वो लोगों में दूसरों की मदद करने का भाव पैदा करें। सड़क पर मुसीबत में फंसे लोगों को उनके हाल पर छोड़कर आगे बढ़ जाना भारत के लोगों की आदत है। 

लेकिन अगर हमारे देश के नागरिक चाहें, तो चीन से आई इस तस्वीर से प्रेरणा ले सकते हैं। जिसमें सड़क दुर्घटना में घायल हुई एक महिला और पुरूष की जान बचाने के लिए वहां मौजूद तमाम लोग इकट्ठा हो गए। दुर्घटना उस वक्त हुई जब एक Electric Cycle पर सवार दो लोगों को कार ने टक्कर मार दी। दोनों पीड़ित, गाड़ी के नीचे दबे हुए थे। लेकिन वहां मौजूद लोगों ने बिना किसी देरी के, गाड़ी को उपर उठाकर घायल लोगों की जान बचाई। दूसरों की मदद करना भारत के DNA में है.. हमारा इतिहास और हमारे पौराणिक ग्रंथ दूसरों की मदद करने की घटनाओं और कथाओं से भरे पड़े है। हम उम्मीद करते हैं कि इस विश्लेषण के बाद अब आप पूरे आत्मविश्वास के साथ घायलों की मदद कर पाएंगे .. 

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