DNA: SIM नहीं, अब सीधे मोबाइल होगा ब्लॉक, साइबर फ्रॉड पर अंकुश के लिए सरकार की कड़ी पहल; क्या क्राइम पर होगा कंट्रोल?
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DNA: SIM नहीं, अब सीधे मोबाइल होगा ब्लॉक, साइबर फ्रॉड पर अंकुश के लिए सरकार की कड़ी पहल; क्या क्राइम पर होगा कंट्रोल?

Government Action Against Cyber ​​Fraud: देश के लिए नासूर बने साइबर अपराधियों की नकेल कसने के लिए सरकार ने नई पहल शुरू की है. अब अपराध में शामिल सिम कार्डों के साथ ही मोबाइल हैंडसेटों को भी ब्लॉक कर दिया जाएगा.

DNA: SIM नहीं, अब सीधे मोबाइल होगा ब्लॉक, साइबर फ्रॉड पर अंकुश के लिए सरकार की कड़ी पहल; क्या क्राइम पर होगा कंट्रोल?

DNA on Government Action Against Cyber ​​Fraud: आपके मोबाइल फोन पर भी ऐसे लुभावने मैसेज या फोन कॉल्स आते होंगे. जिसमें कहा जाता है कि आपकी लाखों की लॉटरी लग गई है, कभी कोई लिंक भेजकर आपसे ठगी करने की कोशिश की जाती है. मोबाइल बैंकिंग के दौर में ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं. Online Fraud से बचने के लिए सावधानी भी जरूरी है.

अब सिम के साथ मोबाइल हैंडसेट भी हो रहा ब्लॉक

अब तक ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत मिलने पर उस नंबर के SIM कार्ड को ब्लॉक किया जाता था, जिससे कॉल या मैसेज करके ठगी की गई. अब ऑनलाइन ठगों के सिम कार्ड के साथ-साथ ठगी में इस्तेमाल मोबाइल हैंडसेट को भी ब्लॉक किया जा रहा है. इससे ठगी में इस्तेमाल मोबाइल का फिर से प्रयोग नहीं किया जा सकता.

सरकार ने कसी साइबर अपराधियों की लगाम

ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि ऑनलाइन ठगी करने वाले अपराधी सिम ब्लॉक होने पर आसानी से सिम कार्ड बदल लेते थे और दोबारा से ठगी करने लगते थे. लेकिन मोबाइल फोन ब्लॉक होने पर उनके लिए बार-बार मोबाइल फोन बदलना आसान नहीं होगा.

मोबाइल बैंकिंग के दौर में ऑनलाइन फ्रॉड के केस भी तेजी से बढ़े हैं. इसलिए ऐसे केस से जुड़ी शिकायतों के लिए सरकार ने चक्षु पोर्टल भी लॉन्च किया है. जिसपर किसी भी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. इसके अलावा फ्रॉड करने वालों के खिलाफ भी एक्शन लिया गया है.

फ्रॉड SMS भेजने वाले 52 ठिकाने हुए ब्लैकलिस्ट

Department of Telecommunications ने इस वर्ष 30 अप्रैल तक फ्रॉड SMS भेजने वाले 52 ठिकानों को ब्लैकलिस्ट किया और कार्रवाई करते हुए 348 मोबाइल फोन को ब्लॉक कर दिया. इसी तरह 10,834 मोबाइल नंबर्स को वेरिफिकेशन के बाद 30 अप्रैल 2024 तक ब्लॉक कर दिया गया. इसके अलावा DoT यानी Department of Telecommunications के मुताबिक फर्जी दस्तावेज पर लिए गए 1.66 करोड़ कनेक्शन बंद किये गए हैं.

डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी सरकार ने दी कड़ी चेतावनी

पहले फर्जी दस्तावेजों पर ऑनलाइन ठगी करने वाले कई-कई सिम कार्ड हासिल कर लेते थे ताकि पकड़े जाने का डर ना रहे. अब आगे से ऐसा करना भी संभव नहीं होगा. SIM Card बेचने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स को हिदायत दी गई है कि दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद ही सिम कार्ड बेचें. अगर किसी नंबर का इस्तेमाल अपराध में होता है, तो सिम डिस्ट्रीब्यूटर पर भी केस किया जायेगा.

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