ZEE NEWS का ऑपरेशन वायरस: Lockdown के दौरान जमातियों को बाहर निकालने का खुलासा
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ZEE NEWS का ऑपरेशन वायरस: Lockdown के दौरान जमातियों को बाहर निकालने का खुलासा

ZEE NEWS ने तबलीगी जमात को लेकर 'ऑपरेशन वायरस' में बहुत बड़ा खुलासा किया है. 

ZEE NEWS का ऑपरेशन वायरस: Lockdown के दौरान जमातियों को बाहर निकालने का खुलासा

नई दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) मामले में गुरुवार को ZEE NEWS ने अपने ऑपरेशन वायरस (Operation virus) में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान जमातियों को बाहर निकालने का खुलासा किया. स्टिंग ऑपरेशन में मौलाना गुलाम सरवर ने निजामुद्दीन के आसपास से 15 जमातियों को निकाला बाहर निकालने का दावा किया. मौलाना सरवर ने कोरोना को अल्लाह की सजा बताते हुए कहा कि भारत में प्रधानमंत्री मोदी की वजह से वायरस आया. मौलाना ने कहा कि कोरोना वायरस उन देशों में ज्यादा फैल रहा है, जहां इंसानों पर जुल्म हुए हैं. 

जानिए कौन है मौलाना सरवर
मौलाना गुलाम सरवर ऑल इंडिया मुस्लिम मोर्चा का राष्ट्रीय प्रवक्ता और आल इंडिया मुस्लिम दलित मोर्चा के फाउंडर और सेक्रेटरी है. ZEE NEWS ने मौलाना सरवर का स्टिंग ऑपरेशन किया जिसमें उसने कई चौकाने वाले खुलासे किए. दरअसल, तबलीगी जमात के कोरोना कनेक्शन की तहकीकात करने वाली ZEE NEWS की SIT टीम को दिल्ली में मौलाना गुलाम सरवर और उनके नेटवर्क के बारे में पता चला था. जब हमने सरवर से बात की तो उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. इन्होंने करीब 15 जमातियों को भगाने का दावा किया. 

मौलाना सरवर का कबूलनामा करा देते हैं काम
मौलाना सरवर ने कबूल किया, "जैसे पता चला फलां मस्जिद में हैं, चुपचाप से गाड़ी लगाए उसको (जमाती) बिठाए. बैग लेकर फिर और चले लेकर हम पहुंच गए. चलो, हमारे पास है तो बहुत कुछ कम से कम 15 को निकाला." इस शख्स की जुबान से निकला एक शब्द-शब्द सन्न कर देने वाला है. ये एक खतरनाक साजिश का सबूत है. जब देश में संपूर्ण लॉकडाउन है. कोरोना को हराने के लिए करोड़ों भारतवासी अपने घरों में बंद हैं तो फिर कोरोना काल में ये कैसी साजिश थी. इसका मकसद क्या था. वो कौन लोग थे जिन्होंने इसका जाल बुना.

मौलाना सरवर का कबूलनामा
रिपोर्टर-
निकाले कहां से निजामुद्दीन से निकाले?
मौलाना सरवर-  निजामुद्दीन के अलावा छापेमारी शुरू हो गई और मस्जिद में भी तो ठहरे थे, तमाम मस्जिदों में ठहरे थे. 

ZEE NEWS के ऑपरेशन वायरस में सरवर ने कबूल किया कि उन्होंने जमातियों को कोरोना के हॉटस्पॉट निजामुद्दीन से चोरी छिपे निकाला और इसके लिए मीडिया पास को ढाल की तरह इस्तेमाल किया.

मौलाना सरवर-  आपको पता है कि हमारे पास PASS है. उन्होंने हमको फोन किया और आज रात निजामुद्दीन गेस्ट हाउस से एक बंदे को उठा कर ले आए. 

मौलाना सरवर ने किस तरह जमातियों के सीक्रेट एक्जिट प्लान को अंजाम दिया. उन्होंने कैसे अपने रसूख और पहुंच का इस्तेमाल करते हुए ऐसे जमातियों को कोरोना के रेड ज़ोन से निकाला जिनके कोरोना संक्रमित होने की आशंका थी.  मौलाना सरवर का दावा है कि उसने निजामुद्दीन मरकज के आसपास से तबलीगी जमात के 15 लोगों को भगाने में मदद की. मौलाना सरवर ने कोरोना के हॉटस्पॉट से कैसे इन लोगों को निकाला, ये हम आपको बताने जा रहे हैं लेकिन उससे पहले ये साफ कर दें कि मौलाना गुलाम सरवर तबलीगी जमात का सदस्य नहीं है। यानी मौलाना ने भले ही तबलीगी जमात के लोगों की गैरकानूनी तरीके से मदद की लेकिन वो खुद जमाती नहीं है. उसका तबलीगी जमात से कोई औपचारिक संबंध नहीं है. हमारा मकसद टेलीविजन पर कोरोना के नाम पर मजहब की दुकान चलाने वाले मौलाना का सच सामने लाना है. 

रिपोर्टर: तो उनको (जमाती) रखा कहां?
मौलाना सरवर: रख दिए अब ये आपको क्यों बताएं? रख दिए और बहुत बेहतरीन इंतज़ाम कर दिए. अब अभी जाना भी है. उसके खाने का किया है. जो फोन पर आएगा वो जगह उसको दिखाएंगे. जो फोन पर पहुंचाएगा, वो ऑनलाइन नहीं घूमता है. 

मौलाना सरवर ने बड़े गुमान से बड़ी शान से कहा कि वो तबलीगी जमात के लोगों को संक्रमण के अड्डे से निकाल कर ले आया. सरकार के तमाम निर्देशों को अंगूठा दिखा दिया और बड़ी चालाकी से वायरस के चलते फिरते मानव बम को उनके छिपने की जगह से निकाल लिया. सिर्फ इतना ही नहीं, जमातियों को निजामुद्दीन से निकालने के बाद उनके लिए गुप्त ठिकानों पर रहने का बंदोबस्त भी किया. मौलाना सरवर से हमारी मुलाकात 6 से 8 अप्रैल के बीच दिल्ली के जामिया नगर में उनके घर पर हुई. हम एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता के तौर पर उससे मिले. मौलाना सरवर की सच्चाई जानने के लिए हमने उनसे कहा कि क्या वो आने वाले चुनावों में मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण कर सकते हैं. मौलाना सरवर ने कहा कि वो ये काम बखूबी कर सकते हैं. 

स्टिंग ऑपरेशन के दौरान गुलाम सरवर ने माना कि कि उन्होंने कोरोना के हॉटस्पॉट से मरकज में शामिल जमातियों को निकाला लेकिन ये नहीं बताया कि वहां से निकालने के बाद जमातियों को किस जगह छिपा कर रखा. सवाल ये भी था कि लॉकडाउन की सख्ती और पुलिस की घेराबंदी में सेंध लगाते हुए आखिर मौलाना सरवर कैसे ये खेल खेल रहा था.  

रिपोर्टर: ये बताइए कि बड़ी मुश्किल से हम लोग आए हैं. बाइक उधर खड़ा कर दिए. पैदल-पैदल आए हैं, पूछते-पूछते आ गए. 
मौलाना सरवर: बिहार से कैसे कैसे आ गए, ये बताइए?
रिपोर्टर: अरे मत पूछिए बिहार से आने में तो डॉक्टर साहब की तरफ से 
मौलाना सरवर: ((बीच में टोकते हुए)) हां, इमरजेंसी टीम में निकाल गए हमारे पास में भी PASS है. 

मौलाना सरवर के पूरे खेल की धुरी था पास, जिसका जिक्र अभी उन्होंने किया. जहां तक पास की बात है तो लॉकडाउन के बाद दिल्ली पुलिस ने स्पेशल कर्फ्यू पास जारी किए थे. ये पास अनिवार्य सेवाओं से जुड़े लोगों को दिए गए थे. मीडिया, टेलीकम्युनिकेशन, बैंकिंग और मेडिकल जैसी जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को लॉकडाउन के बीच आवाजाही की छूट मिली थी. 

मौलाना सरवर को कौन सा पास मिला था और कैसे मिला था. इसका जवाब उसी से जानिए. 
रिपोर्टर: कैसे बना पास?
मौलाना सरवर: वो तो मीडिया के इससे बना है. हमारा भी एक चैनल छोटा सा है. साप्ताहिक अख़बार राज सहारा हिंदी का. तो उसी के लिये बनाए थे. हम शुरू से घूम रहे थे. इसी वजह से तो हम बीसियों लोगो को दिल्ली जमात के 10-15 लोगों को दायें-बायें कराए हैं. 

रिपोर्टर: कैसे?
मौलाना सरवर: करा देते हैं काम, जैसे पता चला फलां मस्जिद में हैं. चुपचाप से गाड़ी लगाए उसको (जमाती) बिठाये, बैग लेकर फिर और चले लेकर हम पहुंच गए, चलो, हमारे पास है तो बहुत कुछ कम से कम 15 को.

यानी मीडिया के नाम पर मौलाना साहब ने कर्फ्यू पास बनवाया लेकिन उसका बेजा इस्तेमाल किया. मौलाना ने इसके जरिये करीब 15 लोगों को सीक्रेट तरीके से निकाला. पूरे देश में सैकड़ों की संख्या में तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया है. इनमें ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जो निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए थे या उनके संपर्क में आए थे. 

कोरोना को अल्लाह की सजा बताया
मौलाना सरवर ने कोरोना को मजहब से जोड़ते हुए अल्लाह की सजा बताया. ध्यान से पढ़िए, हमारे अंडर कवर एजेंट से मौलाना ने कोरोना को लेकर क्या-क्या कहा.  

रिपोर्टर- कोरोना है क्या असल में?
मौलाना सरवर- जब जांच है नहीं. जब चीन को ही पता नहीं चला कि क्या है?  मैं फॉर्मूला देता हूं सबको बताना: गर्म पानी पीना कम से कम 2 से 3 बार. अगर डॉक्टर ने कह दिया पॉज़िटिव मैं तो कुछ मानता ही नहीं हूं. चलते-फिरते कहीं भी खांसी हो सकती है. स्मोकर को अक्सर बलगम आ जाता है. छींक, खांसी और फीवर को ये कोरोना कह रहे हैं, जो अक्सर हो जाता है बारिश में भीगने के बाद. 

मौलाना सरवर: ये अल्लाह की तरफ से असाव है उन मुल्कों पर ज़्यादा ये वार कर रहा है, जिन मुल्क़ों में पूरी दुनिया में इंसान को सबसे ज़्यादा परेशान किया. चीन अमेरिका ने जर्मनी, फ्रांस और इटली के पास क्या कमी है.

पीएम मोदी को देश में कोरोना फैलने का जिम्मेदार बता दिया
मौलाना सरवर ने दावा किया कि कोरोना वायरस प्राकृतिक आपदा है, इसकी कभी कोई वैक्सीन नहीं आएगी. उसने हदें तब लांघ दी जब प्रधानमंत्री मोदी को देश में कोरोना फैलने का जिम्मेदार बता दिया. 

रिपोर्टर: कुछ लोग कह रहे हैं कि ये कुरान से भी कुछ ताल्लुक है?
मौलाना सरवर: वो तो जब ये सब चीजें होती हैं, ना तो कुरान से निकलेगा ना रामायण से निकलेगा. कुरान में तो कयामत तक बता दिया है लेकिन अभी नहीं आ रही. अभी तो जालिमों को चाबुक लगाया जा रहा है. वो परमाणु संपन्न देश बांग्लादेश का कोई न्यूज़ दिखा आपको? बर्मा का दिख रहा है? नेपाल का दिख रहा है? बात को समझिए ये ज्यादा दिख रहा है तो अल्लाह ने किया तू ज्यादा उछल रहा है. अगर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) कोई दूसरा होता ये कोरोना यहां (भारत में) नहीं आता. इसकी वजह से (नरेंद्र मोदी) आ गया. जबरदस्ती अब इस बात को बोलिएगा बाहर तो जबर्दस्त दंगा होगा, सच्चाई ये है.

मौलाना सरवर से हमारी टीम ने मौलाना साद के बारे में भी बातें कीं. मौलाना सरवर ने कहा कि मौलाना मोहम्मद साद ने छिपकर गलती की.  हालांकि, मौलाना सरवर ने प्रशासन पर सवाल करते हुए ये भी कहा कि जब उसे पास मिल सकता है तो फिर मौलाना साद को पास का इंतजाम क्यों नहीं कराया गया. 

DNA वीडियो:

रिपोर्टर: ...पर साद साहब छिप कर जो गलती किए हैं? 

मौलाना सरवर: छोटी-मोटी गलती हुई है. इतना ना प्रेशर बन गया. वो भी होपलेस हो गए.
रिपोर्टर: कैसे?
मौलाना सरवर: अब गलती का मतलब ये है कि जैसे अलार्म सब जगह बज चुका था. पूरी दुनिया में तो दुनिया के लोगों को या तो भिजवा देते आप और एक गलती हुई कि टूरिस्ट वीजा पर लोग आए और आपने वो सब डिटेल दिया नहीं. टूरिस्ट में दिल्ली लिख दिया. दिल्ली में आप इस्लाम का प्रचार करने आए हैं या किस काम से आए हैं? बताइए ना भाई, कुछ लोग छिपाए हैं और इन लोगों को 10-5 दिन पहले मामला निपटा देना चाहिए था. आदमी जब कोई चीज का खतरा महसूस करता है तो तैयारी नहीं करता? ये बिल्कुल बेफिक्र थे इनकी बेफिक्री ने ये मसला पैदा कर दिया जब लॉकडाउन हो गया 23 को तब ये गए थाने में कार्रवाई तो उन्होंने शुरू की लेकिन तब तक वो एक मसला थोड़ी ना पुलिस वाले ने कम!

डिस्क्लेमर: ये स्टिंग ऑपरेशन सार्वजनिक हित में किया गया है। हमारा उद्देश्य न ही किसी समुदाय या धर्म को ठेस पहुंचाना है और न ही किसी की गोपनीयता का उल्लंघन करना है बल्कि हम ऐसे लोगों को बेनकाब कर रहे हैं, जो पूरे समाज के दुश्मन हैं. 

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