चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार जिन 222 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए गए थे उसमें से भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है.
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बेंगलुरु: कर्नाटक में सरकार गठन पर किसी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने से वहां पर सभी की नजरें अब राज्यपाल पर टिकी हैं वो किसे पहले सरकार बनाने का न्योता देंगे. इसी पर पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बुधवार (16 मई) को कहा कि राज्यपाल को नीतिगत तौर पर चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का निमंत्रण देना चाहिए. उन्होंने कहा, 'राज्यपाल को चाहिए कि वे बड़ी पार्टी को बुलाएं, जो कि भाजपा है. उन्हें भाजपा नेताओं को बुलाकर पूछना चाहिए कि क्या वे सरकार बना सकते हैं. अगर वह कहते है कि वे सरकार नहीं बना सकते. इसके बाद राज्यपाल दूसरे दल को बुलाएंगे और अगर वह कहता है कि वे सरकार बना सकते हैं तो, राज्यपाल को उन्हें बहुमत साबित करने के लिए समय देना चाहिए.'
Guv is obliged to call largest party, which is BJP. He should call BJP leader asking him if he can form govt. If he says he can't, Guv will then call 2nd party & if he says he can form govt, Guv should give him time to prove majority: Mukul Rohatgi, former AG #KarnatakaElections pic.twitter.com/7VlvpnrER2
— ANI (@ANI) May 16, 2018
भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत से नौ सीटें दूर रह गई. उधर कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए नाटकीय रूप से चुनाव बाद गठबंधन के तहत तीसरे नंबर की पार्टी जद (एस) को अपना समर्थन दे दिया है. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति सामने आने के बाद सबसे बड़े दल भाजपा और चुनाव पश्चात बने कांग्रेस-जद (एस) के गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद राज्य में भावी सरकार को लेकर संशय और गहरा गया है.
सारी नजरें अब राज्यपाल वजुभाई वाला पर टिक गई हैं. उन्हें फैसला करना है कि वह सरकार बनाने के लिये सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा को आमंत्रित करें या कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को बुलाएं. इस गठबंधन को अब तक घोषित परिणामों के हिसाब से 224 सदस्यीय विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल है.
भाजपा 104 तो कांग्रेस 78 सीटों पर विजयी
राज्य की 224 में से 222 विधानसभा सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था. आर आर नगर सीट पर कथित चुनावी कदाचार की वजह से चुनाव टाल दिया गया, जबकि जयनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया. चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार जिन 222 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए गए थे उसमें से भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है. भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 64 सीटों का फायदा हुआ है.
वहीं, कांग्रेस ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की है. उसे पिछले चुनाव की तुलना में 44 सीटों का नुकसान हुआ है. हालांकि, उसे हासिल मतों का प्रतिशत भगवा पार्टी से लगभग दो फीसदी अधिक है. जद (एस) ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है. उसे तीन सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि उसकी सहयोगी बसपा ने एक सीट अपनी झोली में डाली है. केपीजेपी को एक सीट मिली है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बंधा है.
राज्य विधानसभा चुनाव में 72.13 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस को 38 फीसदी मत मिले, जबकि भाजपा को 36.2 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की जद (एस) को 18.4 फीसदी वोट मिले हैं.