Air Pollution: क्या एयर पॉल्यूशन से होता Heart Attack का खतरा? इन चीजों की मदद से घटेगा रिस्क
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Air Pollution: क्या एयर पॉल्यूशन से होता Heart Attack का खतरा? इन चीजों की मदद से घटेगा रिस्क

Air Quality Index Delhi: एयर पॉल्यूशन से लोगों की जिंदगियांल धीरे-धीरे कम होती रही हैं, इससे खास तौर से सांस की बीमारियों का खतरा पैदा होता है, लेकिन क्या ये हार्ट डिजीज का भी कारण बनता है?

Air Pollution: क्या एयर पॉल्यूशन से होता Heart Attack का खतरा? इन चीजों की मदद से घटेगा रिस्क

Heart Attack Due To Air Pollution: हर साल सर्दियों की शुरुआत में दिल्ली को वायु प्रदूषण का दंश झेलना पड़ता है, जिसकी वजह से हवा में 'जहर' घुल गया है और सांस लेना मुश्किल हो रहा है. प्रशासन की तरफ से पॉल्यूशन कम करने की बात हो रही है, लेकिन सारे इंतेजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. इससे रेस्पिरेटरी डिजीज का रिस्क तो बढ़ ही गया है, लेकिन क्या इससे दिल की बीमारियों का भी रिस्क पैदा हो जाता है? इसको लेकर हमने एक्सपर्ट से बात की.

एयर पॉल्यूशन से हार्ट डिजीज का खतरा
फोर्टिस एसकॉर्ट हॉस्पिटल फरीदाबाद के डायरेक्टर (कार्डियोलॉजी) डॉ. संजय कुमार (Dr. Sanjay Kumar) ने बताया, एयर पॉल्यूशन के मेन कंपोनेंट पीएम 2.5, पीएम 10, ओजोन नाइट्रिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड होते हैं.  हाल ही में एक बड़ी स्टडी में डब्ल्यूएचओ और सीडीसी (यूएसए) इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि वायु प्रदूषण दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाता है. इसमें पीएम 2.5 का स्तर इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार पाया गया.

भारत में पीएम 2.5 का स्तर 100-500 के बीच होता है, जबकि पीएम 2.5 का औसत स्तर 10 के आसपास होता है. 10 माइक्रोग्राम प्रति मीटर पीएम 2.5 का इजाफा, दिल की बीमारियों को काफी बढ़ा देती है और कुछ दिनों में दिल के दौरे में 10% की वृद्धि देखी जाती है. डब्ल्यूएचओ के रिसर्च में ये भी कहा गया है कि पीएम 2.5 बढ़ने से न सिर्फ हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता है बल्कि हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ जाता हैं. ये सब कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर  का कारण बनता है. इसलिए हम कह सकते हैं कि वायु प्रदूषण अब हृदय रोग का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है.

पॉल्यूशन से बचाने वाली चीजें
हालांकि साफ हवा हमारे मौलिक अधिकारों में से एक है, लेकिन दुनिया की अधिकांश सरकारें अपनी आबादी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित हवा सुनिश्चित करने में नाकाम नजर आई हैं. ऐसे में हम अपने स्तर पर क्या कर सकते हैं?

1. क्लॉथ मास्क या सर्जिकल मास्क (Cloth mask or surgical mask)
ये हमें पीएम 2.5 से नहीं बचाते हैं, ज्यादा से ज्यादा ये  30-40% तक हमारी रक्षा कर सकते हैं.

2. एन 95 मास्क (N95 Mask)
एन 95 मास्क हमें पीएम 2.5 से तकरीबन 95% बचाता है लेकिन एन 95 मास्क का लॉन्ग टर्म यूज करना चाहिए या नहीं, ये रिसर्च का विषय है.

3. रेस्पिरेटरी एन 99 मास्क (Respiratory N99 Mask)
ये हमें पीएम 2.5 से 99% बचाता है। लगातार एन 99 मास्क पहनना व्यावहारिक नहीं है क्योंकि यह बहुत असुविधाजनक है.

4. हेप्पा फिल्टर (Heppa Filters)
ज्यादातर बड़े अस्पतालों खास तौर से क्रिटिकल केयर और ऑपरेशन थिएटर क्षेत्रों में हेप्पा फिल्टर हैं. ये इमारत में हवा से 99% पीएम 2.5 को हटा देते हैं. आजकल, कई ऑफिस कैंपस भी अपने बिल्डिंस में हेप्पा फिल्टर स्थापित कर रहे हैं. जिससे इंडोर में पॉल्यूशन कम किया जा सके.

5. हेप्पा फिल्टर के साथ छोटे एयर प्यूरीफायर (Small Air Purifiers With Heppa Filters)
भारी प्रदूषण के दिनों में घर के अंदर रहने और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. भारी प्रदूषित दिनों के दौरान सुबह की सैर पर जाने से बचें. अगर इन दिनों में किसी को बाहर निकलना है तो एन95 मास्क का इस्तेमाल करें.

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