Coriander leaves: जिस धनिए का इस्तेमाल आप टेस्ट बढ़ाने के लिए करते हैं. उन्हीं पत्तों से दुनिया का एक हिस्सा दूर भागता है. इसके अलावा आपको जानकर हैरानी होगी कि किसी जमाने में इन पत्तों का इस्तेमाल यौन संबंधों को जागृत करने के लिए किया जाता था. आइए जानते हैं इन तथ्यों के बारे में.
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Facts about Coriander: अगर किचन में धनिया न हो तो खाने बनाने में मजा ही नहीं आता है, लेकिन दुनिया का एक हिस्सा ऐसा भी है. जो इन धनिये की पत्तियों से नफरत ही नहीं करता बल्कि बकायदा 24 फरवरी के दिन धनिया हेटर्स डे बनाता है. ऐसे ही धनिए के नाम की शुरुआत भी कुछ ऐसे ही हुई. धनिए का नाम ग्रीस वर्ड कोरोस से निकला है, जिसका मतलब होता है बदबू मारने वाला कीड़ा. आपको जानकर हैरानी होगी 15वीं-16वीं सदी में इन पत्तों का इस्तेमाल यौन संबंधों को जागृत करने के लिए भी किया जाता था. आइए जानते हैं इन हैरान करने वाले किस्सों के बारे में.
धनिए का इतिहास?
रसोई में धनिये का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. यहां तक की बाइबल में भी इसके बारे में बताया गया है. इसके अलावा लगभग 5 हजार ईसा पूर्व इसके बीजों के प्रमाण मिले हैं.
खटमल से की तुलना
जिन धनिए पत्तों को आप टेस्ट बढ़ाने के लिए सब्जी, पोहे और ढोकले में डालते हैं. उसे इतिहास में कुछ और ही बताया गया है. ये नाम ग्रीस वर्ड कोरोस से निकला है. इसका मतलब होता है कि खटमल या बदबू मारने वाला कीड़ा. कई जगह पर इसे स्टिंकिंग हर्ब के नाम से भी जाना जाता है. इन सब बातों से ही आप समझ सकते हैं कि लोग क्यों इससे नफरत करते होंगे.
इन लोगों को पसंद नहीं धनिया
ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर लोग इससे दूर भागते हैं.वहां धनिए को सबसे नफरत करने वाला हर्ब भी कहा गया है. आप जानकर हैरान होंगे कि वहां 14 साल पहले I Hate Coriander Day बनाने की शुरुआत हुई थी. जिसमें लोग अपने अनुभव साझा करते थे कि धनिए की गंध उन्हें बीमार करती है.उसी साल से हर साल 24 फरवरी को धनिया-हेटर्स डे बनाने की शुरुआत हुई.
यौन इच्छा जगाता है धनिया
धनिए का इस्तेमाल पुराने जमाने में तरह-तरह के काम के लिए होता था. उस समय सब्जियों में मसाले या शोरबा में सजावट के लिए तो, इसका इस्तेमाल होता ही था. इसके अलावा इसे यौन ताकत बढ़ाने वाली बूटी के रूप में भी उपयोग किया जाता था. 15वीं-16वीं सदी के बीच यूरोप में धनिए की पत्तियों पर शराब छिड़ककर परोसते थे. जिससे यौन संबंधों की इच्छा जागृत हो. इसी वजह से इसे एफ्रोडिजिएक डाइट की श्रेणी में रखा है.
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