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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण (Corona Cases In India) के डरावने आंकड़ों से हर कोई परेशान है. कोविड-19 की दूसरी लहर (Covid 19 Second Wave) ने बड़े-बुजुर्गों के साथ ही छोटे बच्चों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग जारी है और साथ ही इस पर रिसर्च भी लगातार हो रही है. एक नई रिपोर्ट में पता चला है कि पब्लिक टॉयलेट (Public Toilet) का इस्तेमाल करने और उसे फ्लश करने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. जानिए इसका फैक्ट चेक (Covid Fact Check).
लगभग डेढ़ साल पहले चीन (China) के वुहान (Wuhan) से फैले कोरोना वायरस पर WHO समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं. अब तो हवा से इसके फैलने की पुष्टि भी हो चुकी है. संक्रमित सतह से वायरस के फैलने की आशंका के प्रमाण मिल गए हैं और लोग पहले से ज्यादा सतर्क हो चुके हैं. लेकिन अब पब्लिक टॉयलेट (Public Toilet) का इस्तेमाल करने वालों पर भी खतरे की तलवार लटक रही है. दरअसल, टॉयलेट को फ्लश (Toilet Flush) करने पर पानी की जो छोटी-छोटी बूंदें उड़ती हैं, उनमें वायरस हो सकता है. इससे स्वस्थ व्यक्ति भी जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आ सकता है.
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एक स्टडी के मुताबिक, टॉयलेट फ्लश करने से एरोसोल (Aerosol, हवा के कण) पैदा होते हैं, जो कई घंटों तक हवा में रह सकते हैं. यही सूक्ष्म कण बाद में टॉयलेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की नाक से होते हुए उनके श्वसन तंत्र (Respiratory System) में पहुंच जाते हैं और यहां से वायरस अपना काम शुरू करता है. इंडियन एक्सप्रेस में इस स्टडी का विस्तार से जिक्र हुआ है. यह स्टडी विज्ञान पत्रिका फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स (Physics of Fluids) में प्रकाशित हुई थी.
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फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी (Florida University) में हुई इस स्टडी को सपोर्ट करने के लिए उन रिसर्च का सहारा लिया गया, जिनमें टॉयलेट फ्लश करने पर पैदा हुए ड्रॉपलेट्स (Droplets) के चलते कई तरह की पेट की बीमारियां होने के पक्के सबूत मिल चुके हैं. ऐसे में कोई हैरानी नहीं, अगर आगे चलकर यह बात भी पक्की हो जाए कि टॉयलेट फ्लश करने पर कोरोना संक्रमण फैलता है. हालांकि, अभी इस पर रिसर्च की जा रही है और इसके लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं.