Knee Arthritis Treatment: घुटनों में आर्थराइटिस एक आम बीमारी है, जो आमतौर पर बढ़ती उम्र में नजर आती है, जब भी आपको नी पेन से गुजरना पड़े तो तुरंत इसकी जांच और इलाज कराएं, ताकि आगे आने वाली संभावित परेशानियों से बचा जा सके.
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Delay in Knee Arthritis Treatment May Damage Your Spine: आर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियों को काफी नुकसान पहुंचता है. आपने अक्सर महसूस किया होगा कि कुछ मिडिल एज और ओल्ड एज लोगों को घुटनों में तेज दर्द होता है. इसके लिए प्रोपर मेडिकेशन जरूरी है, लेकिन लोग अक्सर इलाज में देरी करते हैं. इसकी जगह देसी नुस्खे और तेल मालिश पर जोर देते हैं. अगर ट्रीटमेंट में देरी की जाए तो इसके गंभीर नतीजे सामने आ सकते हैं.
इलाज में देरी क्यों है खतरनाक?
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर आपने आर्थराइटिस के इलाज में देरी की तो इससे घुटनों के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंच सकता है. ज्यादातर डॉक्टर्स का कहना है कि नी ऑस्टियोआर्थराइटिस (Knee Osteoarthritis) के जो पेशेंट उनके पास आते हैं उनमें से 70 फीसदी मरीज की बीमारी आखिरी स्टेज में होती है, और तब तक घुटने काफी हद तक डैमेज हो चुके होते हैं.
क्या है डॉक्टर की सलाह?
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर (ऑर्थोपेडिक्स और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट) डॉ. एल तोमर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'घुटनों के उपचार के विकल्पों के बारे में जागरूकता की कमी स्थिति को खराब कर रही है. घुटने और जोड़ों की समस्याओं से निपटने के बजाय, बहुत से लोग एनाल्जेसिक या दर्द दूर करने वाले बाम लगाने जैसे इंस्टेंट उपाय के लिए जाना पसंद करते हैं. इस तरह के अस्थायी समाधान न सिर्फ हड्डी और ज्वाइंट कंडीशन को खराब करते हैं बल्कि लिवर और किडनी को भी नुकसान पहुंचाते हैं. समय पर पता लगाने और ट्रीटमेंट से क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार हो सकता है.'
डॉ. एल तोमर ने ये भी बताया कि लोग घुटने के ट्रीटमेंट में देरी करते हैं और उसे लास्ट स्टेज में पहुंचा देते हैं, लेकिन इसकी वजह से उनकी रीढ़ की हड्डी बुरी तरह प्रभावित हो जाती है. जब किसी और तरीके से ज्वांट पेन ठीक नहीं हो पाता तो इससे उनकी जिदगी पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है. ऐसे में समझ जाना चाहिए कि अब सर्जरी की जरूरत पड़ चुकी है. शुरुआती लक्षणों की बात करें तो नी आर्थराइटिस में रूटीन पेन या असहजता होती है जब आप बैठने के बाद खड़े होते हैं या जब सीढ़ियां चढ़ते हैं. लास्ट स्टेज में हर वक्त दर्द का अहसास होता है, खासकर रात के वक्त.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.