आपकी स्किन में दिखें ये 6 साइलेंट साइन, मान लीजिए पक्का हो गई डायबिटीज
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आपकी स्किन में दिखें ये 6 साइलेंट साइन, मान लीजिए पक्का हो गई डायबिटीज

वैसे तो डायबिटीज का पता लगाने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं, लेकिन कई बार मधुमेह के इशारे त्वचा के जरिए ही मिल सकते हैं, जिनको वक्त पर पहचानना जरूरी है.

आपकी स्किन में दिखें ये 6 साइलेंट साइन, मान लीजिए पक्का हो गई डायबिटीज

Diabetes Warning Signs: डायबिटीज एक कॉम्पलिकेटेड लाइफस्टाइल डिजीज है जिसमें ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना मुश्किल होता है. मधुमेह 2 तरह के होते हैं जिनमें टाइप 1 के लिए जेनेटिक कंडीशन ज्यादा जिम्मेदार होते हैं, वहीं टाइप-2 का कनेक्शन अक्सर आपकी रोजाना की जीवनशैली पर होता है. दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो प्रीडायबिटीज या डायबिटीज के घेरे में आ चुकें हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं होता.

हालांकि दोनों तरह की डायबिटीज खतरनाक है और सेहत के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं है. कई स्टडीज में ये बात सामने आई है कि त्वचा से जुड़ी समस्याएं मधुमेह का पहला इशारा हो सकती है. आइए जानते हैं कि स्किन के कौन से साइलेंट साइन को पहचानना जरूरी है, जिससे डायबिटीज के होने का पता चल सकता है.

डाबिटीज के साइलेंट साइन

1. त्वचा पर पीले या भूरे रंग के धब्बे या उभार.

2. स्किन का एक डार्क एरिया जो खास तौर से गर्दन और बगल के आसपास मखमली लगने लगता है.

3. हाथों और पैरों की से उंगलियों पर सख्त और मोटे धब्बे.

4. छाले या छालों के ग्रुप्स का अचानक नजर आना.

5. त्वचा के धब्बे, त्वचा पर छोटे और मुश्किल से दिखाई देने वाले गड्ढे.

6. बाहों, पैरों, कोहनी पर हद से ज्यादा ड्राई और खुजली वाली त्वचा के धब्बे.

डायबिटीज के दूसरे लक्षण

ऐसा नहीं है कि डायबिटीज के इशारे सिर्फ स्किन से ही मिलेंगे आपको कई दूसरे आम लक्षणों को पहचाना होगा, जैसे-

1. हद से ज्यादा प्यास लगना.
2. नॉर्मल से ज्यादा यूरिन पास करना (खासकर रात के वक्त).
3. पूरी नींद लेने के बावजूद दिनभर थकान महसूस होना.
4. बिना किसी ठोस वजह के वजन का तेजी से कम होना.
5. प्राइवेट पार्ट्स के आसपास खुजली महसूस होना.
6. आखों से धुंधला या कम नजर आना.

डायबिटीज के रिस्क को कैसे कम करें?

सेहत के लिए बेहतर ये है कि आप पहले ही डायबिटीज के खतरे को कम कर दें. आइए जानते हैं कि मधुमेह से बचने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है.

1. रिफाइंड और ऐडेड शुगर का सेवन जितना हो सके कम कर दें, क्योंकि ये बीमारी की असल जड़ों में से एक है.

2. होल ग्रेन जैसे- ब्राउन राइस, होल व्हीट पास्टा, होल मील आटा, ओट्स का सेवन बढ़ाएं और रिफाइंड कार्ब्स से तौबा करें.

3. रेड मीट और प्रॉसेस्ड मीट का सेवन जितना हो सके कम कर दें. 

4. ताजे फल और सब्जियों के सेवन को बढ़ा दें.

5. शराब के सेवन से पूरी तरह तौबा कर लें.

6. विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर डाइट लें.

7. फिजिकल एक्टिविटीज को कम न होने दें.

 

(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)

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