बरसात का मौसम नमी और गर्मी से भरा होता है, जो दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं को बढ़ावा देता है. ये समस्याएं न केवल असहनीय खुजली पैदा करती हैं बल्कि त्वचा को भी संक्रमित कर सकती हैं.
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बरसात का मौसम नमी और गर्मी से भरा होता है, जो दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं को बढ़ावा देता है. ये समस्याएं न केवल असहनीय खुजली पैदा करती हैं बल्कि त्वचा को भी संक्रमित कर सकती हैं. अगर आप भी इन समस्याओं से परेशान हैं तो घबराएं नहीं, आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे जिनकी मदद से आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.
दाद, खाज और खुजली फंगस के संक्रमण के कारण होती हैं. ये फंगस गर्म और नम जगहों पर तेजी से बढ़ते हैं, इसलिए बरसात का मौसम इनके लिए सबसे अनुकूल होता है. इसके अलावा, पर्सनल स्वच्छता का न रखना, कमजोर इम्यून सिस्टम और त्वचा में दरारें भी इन समस्याओं को बढ़ावा दे सकती हैं.
घरेलू उपाय
नीम: नीम के पत्तों में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो दाद, खाज और खुजली का इलाज करने में मदद करते हैं. नीम के पत्तों को पीसकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
लहसुन: लहसुन में एंटीफंगल गुण होते हैं. लहसुन की कली को पीसकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
दही: दही में लैक्टिक एसिड होता है जो फंगस को बढ़ने से रोकता है. दही को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
बेकर सोडा: बेकर सोडा में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. बेकर सोडा और पानी को मिलाकर पेस्ट बनाएं और प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
एलोवेरा: एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो खुजली और जलन को कम करते हैं. एलोवेरा जेल को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
तुलसी: तुलसी के पत्तों में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. तुलसी के पत्तों को पीसकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
आंवला: आंवले में विटामिन सी होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. आंवले का रस प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
इन उपायों को करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें
* प्रभावित क्षेत्र को साफ और सूखा रखें.
* ढीले कपड़े पहनें.
* संक्रमित क्षेत्र को न खरचें.
* अगर समस्या गंभीर है तो डॉक्टर से सलाह लें.