Eyes Problem Causes: अगर आपको भी देखने में धुंधलापन लगने लगा है तो अलर्ट हो जाएं. यह शरीर में दूसरी बड़ी बीमारियों का बड़ा संकेत भी हो सकता है. आइए आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.
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Causes of Blurred Eyes: खराब लाइफस्टाइल और सेहत को लेकर हमारी लापरवाही की वजह से आजकल लोगों में आंखों की रोशनी खराब होती जा रही है. इसके चलते लोगों को अखबार पढ़ने में दिक्कत आती है. उन्हें आंखों से देखने पर धुंधलापन (Blurred Eyes) महसूस होता है. डॉक्टरों के मुताबिक अगर धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी कम होती जा रही है तो आपको तुरंत अलर्ट हो जाना चाहिए. किसी अच्छे आई स्पेशलिस्ट से मिलकर आपको आंखों का इलाज करवाना चाहिए. आइए जानते हैं कि आंख से जुड़ी परेशानियां कैसे होती हैं और उनका क्या निदान किया जा सकता है.
लंबे समय तक लैपटॉप पर बैठने से बचें
जब हम किसी चीज को बिना ब्रेक लिए लंबे समय तक एकटक देखते रहते हैं तो उससे आंकों की नसों में खिंचाव आ जाता है. इस स्थिति को आई स्ट्रेन कहते हैं. जो लोग लैपटॉप या कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करते हैं, उन्हें अक्सर इस तरह की दिक्कत हो जाती है. वहीं मोबाइल फोन पर ज्यादा देर तक चैटिंग करने वाले भी इस समस्या से दोचार होते हैं. खराब लाइटिंग में पढ़ाई करने से भी ऐसी दिक्कत आ सकती है.
आंसू बनाने का काम करते हैं डिटैच्ड रेटीना
मेडिकल एक्सपर्टों के मुताबिक हमारी आंखों के रेटिना आंसू बनाने का काम करते हैं. ये आंसूं आंखों में गीलापन बनाए रखते हैं, जिससे उनमें सूखापन नहीं आता. जब अचानक सिर में चोट लगने या उम्र बढ़ने से रेटिना आंसू बनाना बंद कर देते हैं तो नसों में खून की सप्लाई बाधित हो जाती है. इसके चलते हरेक चीज धुंधली (Blurred Eyes) दिखने लगती है. ऐसी स्थिति में तुरंत आंखों के डॉक्टर को दिखा लेना जरूरी हो जाता है.
आंखों में दर्द या लाली आए तो डॉक्टर को दिखाएं
कई बार लगातार कंप्यूटर- मोबाइल पर काम करने या टीवी देखने से आंखों का ड्रेनेज सिस्टम ब्लॉक हो जाता है. ऐसे में ग्लूकोमा की समस्या हो जाती है. इस स्थिति में साफ देखने के लिए आंख पर दबाव बढ़ जाता है. जिसके चलते आंखों में तेज दर्द, रेडनेस या चक्कर आने जैसी समस्या आ जाती है. ऐसी स्थिति आने पर बिना देरी किए तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाना चाहिए.
लापरवाही में जा सकती है आंखों की रोशनी
कई बार पुरानी बीमारी या ब्रेन ट्यूमर के चलते स्ट्रोक आ जाता है. इसके चलते ब्रेन के उस हिस्से पर दबाव पड़ता है, जो आंखों के विजन को कंट्रोल करता है. इसके चलते कई बार धुंधला (Blurred Eyes) दिखने या दोनों आंखों से दिखाई न देने की समस्या हो सकती है. ऐसा स्ट्रोक आने पर अगर तुरंत अस्पताल पहुंचकर आई स्पेशलिस्ट को न दिखाया जाए तो आंखों की रोशनी जाने का क भी खतरा होता है.
इन वजहों से घट जाता है आई विजन
डॉक्टरों का कहना है कि चीजों का धुंधला (Blurred Eyes) दिखने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. इनमें रेटिना, ऑप्टिक नर्व या कॉर्निया में परेशानी हो सकती है. स्ट्रोक, माइग्रेन, ब्रेन ट्यूमर या डायबिटीज जैसी बीमारियों की वजह से आंखों में धुंधलापन या रोशनी जाने की समस्या हो सकती है. मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि आंखों में दर्द या रोशनी में दिक्कत आने पर बिल्कुल भी लापवाही नहीं करनी चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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