Heart Problems: कई बार हमें इस बात की जानकारी नहीं होती कि हमारे आसपास अगर किसी को दिल का दौरा पड़ जाए तो ऐसे हालात में क्या करना चाहिए. अगर पता हो तो हम उसकी जान बचा सकते हैं.
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Heart Disease: भारत में दिल के मरीजों की तादाद काफी ज्यादा है और आजकल ये बीमारी युवाओं में भी फैलती जा रही है, लेकिन कई बार फिट नजर आने वाले लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं. पिछले कुछ वक्त से कई फेमस सेलिब्रिटीज ने हार्ट अटैक की वजह से अपनी जान गंवाई है, जिनमें सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla), पुनीत राजकुमार (Puneeth Rajkumar) और सिंगर केके (Singer KK) का नाम शामिल है. अगर आपके आसपास किसी इंसान को अचानक दिल का दौरा पड़ जाए तो ऐसी स्थिति में क्या करना सही रहेगा जिससे उसकी जान बच जाए, आइए इस बारे में डिटेल से जानते हैं.
हार्ट अटैक किसे कहते हैं?
जब हमारी धमनियों में खून की सप्लाई में अचानक रुकावट आ जाए तो इस स्थिति को हार्ट अटैक कहते हैं. ये रुकावट असल में कोरोनरी आर्टरी (Coronary Artery) में खून का थक्का जम जाने के कारण होती है. जिससे हार्ट में खून की सप्लाई रुक जाती है और सीने में काफी तेज दर्द होता है.
हार्ट अटैक आने के बाद क्या करना चाहिए?
साल 2022 में जब निधन के बाद सिंगर केके (Singer KK) का पोस्टमॉर्टम हुआ, तो डॉक्टर ने ये बताया था कि उनकी दिल की धमनियों में कई ब्लॉकेज थे और अगर उन्हें वक्त पर सीपीआर (CPR) दिया जाता तो उनकी जान बच सकती थी. दिल का दौरा पड़ने पर मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए, अगर आसपास मेडिकल हेल्प न मिल पाए तो पेशेंट को सीपीआर देना शुरू करें.
आखिर क्या होता है सीपीआर?
सीपीआर (CPR) असल में कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary Resuscitation) को कहा जाता है, जिसमें बेहोश मरीज के सीने पर प्रेशर डाला जाता है और कृत्रिम सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी न हो. इससे दिल के दौरे और सांस न मिलने जैसी स्थिति में किसी शख्स की जान बचाई जा सकती है. सीपीआर को इमरजेंसी की हालत में दी जाने वाली एक मेडिकल थैरेपी की तरह समझा जाता है. ये एक आजमाया हुआ तरीका है जिससे अक्सर सांस लेने में परेशानी झेलने वाले लोगों जान बचाई गई है.
एंजियोप्लास्टी से बचेगी जान
आमतौर पर हार्ट अटैक के पेशेंट की एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) या बायपास सर्जरी (Bypass Surgery) की जाती है. ये कार्डियोलॉजी (Cardiology) का एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें हार्ट मसल्स तक बल्ड सप्लाई करने वाली धमनियों के ब्लॉकेज को हटाकर खोल दिया जाता है. कई मामलों में मरीजों की कोरोनरी आर्टरीज में स्टेंट्स (Stent) भी डाले जाते हैं जिससे ब्लड फ्लो में किसी तरह की दिक्कत न आए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)