आपने इस आर्टिकल पर क्लिक किया, अगर आप को लगता है इसमें आपकी मर्जी थी तो आप गलत हैं. ये थोड़ा अजीब तो है पर जो भी आप कर चुके हैं यो करेंगे, वो सब पहले से ही Decided है. इसे अच्छे से जानने के लिए पहले हमें जानना होगा कि Free Will क्या होती है. Free Will का मतलब है स्वतंत्र इच्छा, ऐसी इच्छा जो आप बिना किसी के मर्जी से लेते हैं. अगर आप यही सवाल किसी से पूछेंगे तो वो यही कहेंगे कि हां, उनके पास Free Will है, लेकिन कुछ Philosophers से पूछेंगे तो वो यही कहेंगे कि Free Will का कॉन्सेप्ट बस एक कल्पना है. 


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Libet Experiment


इस मामले पर रिसर्च करने के लिए Nature Neuroscience Journal में एक रिसर्च भी पब्लिश की गई थी, उसमें एक Experiment के बारे में लिखा था. उस Experiment में ये पता लगाने की कोशिश की जी रही थी कि हमारे फैसलों को दिमाग का कौन सा हिस्सा Affect करता है. इस Experiment को पूरा करने के लिए कुछ लोगों को एक बटन दिया गया और उनसे कहा गया कि वो अपनी मर्जी से उस बटन को दबाएं. इस Experiment में ये देखा गया कि हम जो भी फैसले लेने वाले होते हैं, फिर चाहे वो अपनी मर्जी के हों या दूसरे की मर्जी के, वो पहले ही दिमाग के दो हिस्सों में स्टोर होते हैं, Primary Motor Cortex में और Supplementary Motor Area में. इसका सीधा सा मतलब है कि हम जो भी फैसले लेते हैं हमारा दिमाग उन फैसलों को पहले ही ले चुका होता है. वैज्ञानिक इतने पर भी रुके नहीं, उन्होंने आगे और जानना चाहा कि क्या हमारा दिमाग जो फैसला लेता है वो उससे पहले भी कहीं स्टोर होता है? उन्होंने पाया कि दिमाग जो भी फैसला लेता है, उससे पहले ही(करीब 7 सेकंड पहले) दिमाग को वो फैसला लेने के लिए सिग्नल मिलता है जो कि दिमाग के Frontopolar Cortex में स्टोर हो जाता है. 


 


Libet Experiment- https://www.federvolley.it/sites/default/files/Unconscious%20determinants%20of%20free%20-%20Haynes%20-%20Nature%20Neuroscience%20-%202008.pdf


 


अब सवाल उठता है कि हमारे दिमाग को पता कैसे चलता है कि हम क्या फैसला लेने वाले हैं? 


क्या सब पहले ही तय था? Libet Experiment से ये पता चलता है कि हम जो भी करें वो पहले से ही लिखा हुआ है, हम चाह कर भी इसे बदल नहीं सकते, और इसे ही सनातन धर्म में नियति कहा गया है.


 


अगर सभी लोग ये मान लें कि सब पहले से ही Decide है तो लोग अपनी जिम्मेदारी से भागेंगे, कोई आगे ही नहीं बढ़ना चाहेगा, जीवन का कोई मतलब ही नहीं रहेगा, लोग बस ययही कहेंगे कि जब सब पहले से ही तय है तो कोशिश क्यों की जाए? इसे और आसानी से समझा जा सकता है कि अगर कोई गलत काम कर दे तो क्या ये उसकी गलती होगी या नहीं, क्योंकि संसार में सब पहले से ही निर्धारित है.


 


Disclaimer- इस खबर को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद. इस खबर में हमने Libet Experiment की बात की है और उसी आधार पर जानकारी देने की कोशिश की गई है. इसकी पुष्टि Zee News नहीं करता.