दिल्ली की ही नहीं, 2024 में इन शहरों की हवा भी बन गयी है जहरीली, महीने भर रहने से ही छोटी होने लगती है जिंदगी
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दिल्ली की ही नहीं, 2024 में इन शहरों की हवा भी बन गयी है जहरीली, महीने भर रहने से ही छोटी होने लगती है जिंदगी

भारत के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. इन प्रदूषित शहरों में रहने वाले लोगों का जीवनकाल तेजी से घट रहा है. ऐसे में यदि आप भी ऐसे शहरों में रहे हैं तो सावधान रहें.

दिल्ली की ही नहीं, 2024 में इन शहरों की हवा भी बन गयी है जहरीली, महीने भर रहने से ही छोटी होने लगती है जिंदगी

भारत के कई शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है. खराब वायु गुणवत्ता न केवल सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ावा देती है, बल्कि यह असमय मौत के लिए भी जिम्मेदार होती है. इसलिए वायु प्रदूषण से हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं और यह विशेष रूप से बच्चे और बुजुर्ग. 

ऐसे शहर जहां एयर क्वालिटी बहुत ज्यादा खराब है, वहां रहने वाले लोगों का जीवनकाल औसतन 4 से 5 साल कम हो जाता है. ऐसे में यहां हम आपको 5 ऐसे शहरों के बारे में बता रहे हैं, जहां इस साल सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण है. 

दिल्ली 

दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित राज्य माना जाता है. 2024 में यहां कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 491 पहुंच गई है. यहां की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) की उच्चतम मात्रा है, जो दिल, फेफड़े और अन्य शारीरिक अंगों पर गंभीर असर डालता है. दिल्ली में प्रदूषण के कारण जीवनकाल औसतन 9-10 साल तक कम हो सकता है.

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मुंबई

मुंबई के कई हिस्सों में PM10 और PM2.5 का स्तर खतरनाक सीमा को पार कर चुका है, जिससे सांस लेने में परेशानी और दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं. शोध बताते हैं कि मुंबई में प्रदूषण के कारण जीवनकाल 4-5 साल कम हो सकता है.

कोलकाता

इस साल कोलकाता हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ी है. कोलकाता के निवासियों में सांस संबंधी समस्याएं और अस्थमा जैसी बीमारियां आम हो गई हैं. प्रदूषण की वजह से शहर के निवासियों का जीवन काल औसतन 4 साल तक कम हो सकता है.

लखनऊ

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, 2024 में वायु प्रदूषण के मामले में चौथे स्थान पर है. यहां सर्दी में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है, खासकर सर्दी के मौसम में धुआं और धुंध के कारण स्थिति में और भी खराब हो जाती हैं. पीएम 2.5 के उच्च स्तर के कारण लखनऊ के निवासी सांस की बीमारियों से ग्रस्त हैं और प्रदूषण के कारण जीवन काल में 5 साल तक की कमी हो सकती है.

पटना

पटना बिहार की राजधानी भी वायु प्रदूषण के कारण गंभीर स्थिति का सामना कर रही है. इसके परिणामस्वरूप अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और दिल की बीमारियां आम हो रही हैं. पटना के निवासियों का जीवन काल औसतन 4-5 साल कम हो सकता है.

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