उत्तर भारत के लोग कर रहे ज्यादा नमक और कम प्रटीन का सेवन, शरीर पर क्या होगा इसका बुरा असर?
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उत्तर भारत के लोग कर रहे ज्यादा नमक और कम प्रटीन का सेवन, शरीर पर क्या होगा इसका बुरा असर?

हालिया अध्ययनों से पता चला है कि उत्तर भारत के लोग औसत से कहीं ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ, प्रोटीन की मात्रा उनकी डाइट में काफी कम है.

उत्तर भारत के लोग कर रहे ज्यादा नमक और कम प्रटीन का सेवन, शरीर पर क्या होगा इसका बुरा असर?

उत्तर भारत के खाने का स्वाद लाजवाब होता है. मसालेदार ग्रेवी वाली सब्जी से लेकर तवा की गर्मा गरम रोटी तक, हर चीज अपने आप में स्वादिष्ट है. लेकिन क्या आप जानते हैं, इस लजीज खाने में एक चीज जरूरत से ज्यादा शामिल हो रही है, वो है नमक! जी हां, हालिया अध्ययनों से पता चला है कि उत्तर भारत के लोग औसत से कहीं ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ, प्रोटीन की मात्रा उनकी डाइट में काफी कम है.

जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया और चंडीगढ़ स्थित पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMIR) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन ने उत्तर भारत में खान-पान की आदतों पर रोशनी डाली है. अध्ययन में पाया गया कि उत्तर भारत में लोगों का नमक और फॉस्फोरस का सेवन निर्धारित मात्रा से अधिक है, जबकि प्रोटीन और पोटेशियम का सेवन कम है.

400 लोगों पर हुआ अध्ययन
अध्ययन के निष्कर्ष 'फ्रंटियर्स इन न्यूट्रीशन' जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. इस अध्ययन के लिए कुल 400 वयस्कों को शामिल किया गया था, जिनमें हेल्दी व्यक्ति और शुरुआती स्टेज में क्रोनिक किडनी रोग (CKD) से पीड़ित व्यक्ति दोनों शामिल थे. अध्ययन के प्रमुख लेखक और द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर विवेकानंद झा ने एक बयान में कहा कि गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) के लिए खराब डाइट एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है, जो पब्लिक हेल्थ के लिए चिंता का विषय है. भारत में लोग अलग-अलग फूड खाते हैं, इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि वे वास्तव में कौन से पोषक तत्व प्राप्त कर रहे हैं ताकि इन बीमारियों को रोकने और उनका कंट्रोल करने में मदद मिल सके.

भारत में एवरेज डेली कैलोरी की खपत कम
2020 में हुए एक अध्ययन में पाया गया था कि इंडियन डाइट में ज्यादातर जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है. बीएमसी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया था कि इंडियन डाइट में प्रोटीन, फल और सब्जियों की मात्रा पर्याप्त नहीं है. भारत में औसत दैनिक कैलोरी खपत सभी ग्रुप की तुलना में 2503 किलो कैलोरी/व्यक्ति/दिन से कम है, सिवाय सबसे धनी 5% आबादी को छोड़कर. यह अध्ययन ईएटी-लैंसेट रिफरेन्स डाइट के साथ इंडियन डाइट की तुलना है.

यह अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
अच्छी सेहत और तंदुरुस्ती बनाए रखने के लिए संतुलित पोषक तत्वों से भरपूर डाइट जरूरी है. प्रत्येक पोषक तत्व शरीर में एक विशेष भूमिका निभाता है और विभिन्न शारीरिक कामों में योगदान देता है. कार्बोहाइड्रेट डेली एक्टिविटी के लिए एनर्जी प्रदान करते हैं, प्रोटीन मसल्स के विकास और मरम्मत में मदद करते हैं और फैट पोषक तत्वों के अब्जॉर्ब और हार्मोन उत्पादन में मदद करते हैं. विटामिन और मिनरल सेलुलर काम, इम्यून सिस्टम और रोगों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण हैं. फाइबर पाचन तंत्र को हेल्दी रखता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. पोषक तत्वों से भरपूर विभिन्न प्रकार के फूड का सेवन यह सुनिश्चित करता है कि शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व सही रेशियो में मिलें.

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