रातों-रात बूढ़े होने की थ्योरी आज की नहीं है बल्कि काफी पुरानी है. फ्रांस की आखिरी रानी मैरी एंटोनेट के संबंध में इस तरह की कहावत काफी चर्चित है. कहा जाता है कि फ्रांसीसी क्रांति के दौरान गिलोटिन द्वारा मौत के घाट उतारे जाने से एक रात पहले 38 साल की उम्र में फ्रांस की रानी के बाल एकदम से सफेद हो गए थे. सवाल उठता है कि ऐसा कैसे हो सकता है? ताजा स्टडी के मुताबिक रातों-रात बाल सफेद होने और तेजी से उम्र बढ़ने के पीछे कुछ Biological फैक्ट हैं.
एक अमेरिकी अध्ययन (US Study) में पाया गया कि बच्चे को जन्म देने के बाद जो माताएं अगले छह महीनों के दौरान एक रात में सात घंटे से कम नींद लेती हैं, उनकी सात या उससे ज्यादा घंटे आराम करने वाली महिलाओं की तुलना में तीन से सात साल तक उम्र ढल गई. स्लीप हेल्थ जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे को जन्म देने के बाद कम सोने वालीं महिलाएं ज्यादा आराम करने वालीं या पूरी नींद लेने वालीं महिलाओं की तुलना में जल्दी उम्रदराज दिखने लगीं.
इसके साथ ही उम्रदराज दिखने के पीछे कोशिकाओं का धीरे-धीरे नुकसान होना भी होता है. स्मोकिंग, ज्यादा शराब पीना, ज्यादा वजन और एक्टिव न होना - जल्दी बुढ़ापे की वजह बन सकते हैं. 2019 में प्रकाशित यू.एस. में येल विश्वविद्यालय द्वारा 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 2,339 युवओं पर की गई स्टडी के मुताबिक जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियां जैसे कि बेरोजगारी, बच्चा न होना या एक लाइलाज बीमारी भी जल्दी बुढ़ापे की वजह बन सकते हैं.
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इसके अलावा रिसर्च में सामने आया कि बायोलॉजिकल रीजन भी उम्र निर्धारित करने में अहम है. इम्यून सिस्टम के लिए खास व्हाइट ब्लड सेल्स की मात्रा आपकी उम्र निर्धारित कर सकती है क्योंकि अच्छा इम्यून सिस्टम ही आपके स्वास्थ्य का संकेत है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने पाया कि जीन फैक्टर भी स्वास्थ्य के मामले में अहम है. हालांकि, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के चांसलर पीटर जोशी इस बात से सहमत हैं कि जेनेटिक रीजन (Genetic) को इग्नोर नहीं कर सकते लेकिन जीवन शैली और जीवन की घटनाएं कहीं अधिक प्रभावशाली हो सकती हैं.
बालों का धीरे-धीरे सफेद होना उम्र बढ़ने का एक सामान्य संकेत है लेकिन कुछ लोगों के अचानक से बाल झड़ने लगते हैं और देखते ही देखते सफेद हो जाते हैं. इसके पीछे वजह है उनके जीवन में आया अप्रिय बदलाव. शोधकर्ताओं के मुताबिक जिन लोगों ने झटके या दर्दनाक जीवन की घटनाओं का अनुभव किया है, उनके शरीर में तेजी से बदलाव आ सकता है. चूहों पर किए गए एक अध्ययन में, यू.एस. में हार्वर्ड विश्वविद्यालय की एक टीम ने पाया कि तनावपूर्ण स्थितियां तंत्रिकाओं को सक्रिय करती हैं जो शरीर के ऑटोमेटिक फंक्शन को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदार नर्वस सिस्टम की प्रतिक्रिया का प्रभावित करती हैं.
इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर में क्लिनिकल साइकियाट्री के प्रोफेसर क्रिस फॉक्स कहते हैं, सर्जरी और एनेस्थेटिक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं और 'दिमाग पर विनाशकारी प्रभाव' डाल सकते हैं. इसके साथ ही ज्यादा समय तक लगातार काम करना और तनाव भी बुढ़ापे को न्योता देने जैसा है.
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