Advertisement
photoDetails1hindi

Mobile Phone की लत ने उड़ाई युवाओं की नींद, Social Media से भी बढ़ी ऐसी परेशानी: सर्वे

नई दिल्ली: भारतीयों की नींद फोन की लत की वजह से लोगों की नींद लगातार खराब होती जा रही है. भारतीयों ने एक सर्वे में माना कि फोन के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से उनकी नींद पर बुरा असर पड़ रहा है. पिछले 5 सालों में 2 लाख लोगों ने अपनी सोने की आदतों के बारे में बताया है. इस साल 30 हज़ार लोगों ने इस बारे में बताया है. ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड (GISS) 2022 सर्वे मार्च 2021 से फरवरी 2022 के बीच किया गया था. ये सर्वे हर साल गद्दे बनाने वाली कंपनी वेकफिट करती है. जानें फोन कैसे लोगों की नींद उड़ा रहा है. 

कई भारतीय को नींद न आने की शिकायत

1/5
कई भारतीय को नींद न आने की शिकायत

भारत के महानगरों में रहने वालों की नींद ज्यादा खराब हो रही है. हर चार में से एक भारतीय को लगता है कि उसे नींद न आने की बीमारी हो चुकी है. भारत के 59% लोग रात 11 बजे के बाद सोने के लिए जाते हैं. सोशल मीडिया इसकी एक बड़ी वजह है. 36% लोगों का मानना है कि डिजिटल मीडिया की वजह से उनकी नींद पर असर पड़ा है.88% लोग सोने से ठीक पहले फोन जरुर चेक कर रहे हैं. हालांकि पिछले वर्ष के सर्वे में 92% लोग ऐसा कर रहे थे. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 4 प्रतिशत लोग ऐसे कम हुए जो सोने से ठीक पहले फोन चेक कर रहे हैं. 74% लोगों ने अपने घर में नींद के लिए डेडिकेटेड स्पेस बनाया है. 

युवाओं ने माना, नहीं आती नींद

2/5
युवाओं ने माना, नहीं आती नींद

परेशानी की बात ये है कि 18 से 24  साल के युवाओं ने ये बताया कि उनके कमरे के माहौल की वजह से उनकी नींद खराब हो रही है. 18 साल से कम के 80 फीसदी युवाओं ने माना कि उठने के बाद उन्हें फ्रेश महसूस नहीं होता है. हर चार में से एक भारतीय को लगता है कि उसे इनसोमनिया (Insomnia) यानी नींद ना आने की बीमारी हो चुकी है.

 

कोरोना की वजह से भी बढ़ी परेशानी

3/5
कोरोना की वजह से भी बढ़ी परेशानी

कोरोना से पहले के मुकाबले देर रात सोशल मीडिया पर रहने की आदत में 57% की बढ़ोतरी हुई है. 31% महिलाओं और 23% पुरुषों को लगता है कि उनकी नींद गायब हो चुकी है. 38% महिलाओं और 31% पुरुषों को लगता है कि सोशल मीडिया की वजह से वो देर तक जगे रहते हैं. 18 वर्ष से कम के 50% किशोरों को भी ये लगता है कि उन्हें इन्सोमनिया हो चुका है. 

वर्क फ्रॉम होम से भी हुई दिक्कत

4/5
वर्क फ्रॉम होम से भी हुई दिक्कत

हाइब्रिड वर्क कल्चर यानी Work From Home आने के बाद से अब लोगों को काम के दौरान सोया सोया रहने की या महसूस करने की लत घट गई है.  2020 के सर्वे में जहां  83% लोगों के काम के दौरान नींद आती थी वो अब घटकर 2022 में 48% रह गया है. 

भारत के महानगरों का ऐसा है हाल

5/5
भारत के महानगरों का ऐसा है हाल

कोलकाता के 40% लोग आधी रात के बाद सोते हैं. हैदराबाद के 40% लोगों के मुताबिक काम की वजह से उन्हें देर तक जगना पड़ता है. गुरुग्राम के 36% लोग भी ऐसा ही मानते हैं कि काम की वजह से उन्हें सोने में देरी होती है.  मुंबई के 39% और गुरुग्राम के 29% लोग मानते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस देखने में काफी वक्त खराब हो रहा है. 43% दिल्ली वालों को भी लगता है कि उन्हें डिजिटल मीडिया पर अपना टाइम कम करने की जरुरत है.

ट्रेन्डिंग फोटोज़