Tongue Colour Problem: आपने अक्सर ये गौर किया होगा कि जब भी इलाज के लिए अस्पताल या क्लीनिक जाने की जरूरत पड़ती है, तब डॉक्टर आपको जुबान दिखाने के लिए जरूर बोलते होंगे. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फिजीशियन ऐसा आखिर क्यों करते हैं. दरअसल इससे बीमारियों को बता चलता है. जब भी आपके शरीर में किसी डिजीज का अटैक होता है तो जुबान का रंग हल्का गुलाबी की जगह कुछ और हो जाता है. आइए जानते हैं कि हर कलर का क्या-क्या मतलब होता है.
जब जुबान का रंग नीला या पर्पल हो जाए तो ये दिल से जुड़ी बीमारियों की तरफ इशारा होता है. इस कंडीशन में हार्ट ब्लड को सही तरीके से पंप नहीं कर पाता या खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.
जो लोग चाय या कॉफी बहुत ज्यादा पीते हैं उनकी जुबान का रंग भूरा हो दाता है. इसके अलावा जिन लोगों सिरगेट या बीड़ी की लत है उन्हें भी ब्राउन टंग का सामना करना पड़ता है. इसलिए इन चीजों से परहेज करें.
अगर आपकी जीभ का रंग गुलाबी से लाल होने लगे तो इसका मतलब है कि बॉडी में विटामिन बी12 और फॉलिक एसिड की काफी ज्यादा कमी हो चुकी है, इसलिए टंग पर रेड स्पॉट दिखने लगते है. इसे जियोग्राफिक टंग भी कहते हैं.
सफेद रंग की जीभ का मतबल है कि आप मुंह की सफाई सही तरीके से नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह से सफेद गंदगी की लेयर इस पर जमने लगती है जिससे जुबान का रंग ऐसा हो जाता है, कई बार फ्लू या लिकोप्लेकिया की वजह से भी व्हाइट टंग नजर आने लगता है.
अगर आपकी जीभ का रंग पीला पड़ गया है तो इसका मतलब ये है कि शरीर मे पौष्टिक तत्वों की कमी होने लगी है. इसके अलावा लिवर या पेट में दिक्कत होने की वजह से भी जीभ पर पीली परत चढ़ने लगती है.
जुबान का काला होना गंभीर बीमारियों की तरफ इशारा करता है. ये कैंसर का संकेत हो सकता है और अक्सर फंगल इनफेक्शन और अल्सर होने पर भी जीभ काली पड़ जाती है. जो लोग काफी ज्यादा स्मोकिंग करते हैं उनके साथ भी ये परेशानी पेश आती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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