How Divorce Affect Child: बच्चे को माता और पिता दोनों के प्यार की जरूरत होती है. ऐसे में जब तलाक की बात आती है और किसी एक के साथ पड़ता है तो इससे वह भावनात्मक रूप से टूट जाते है. यह ट्रॉमा वह जीवन भर नहीं भूल पाते हैं.
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जब माता-पिता अलग होने का फैसला लेते हैं, तो इसका असर सिर्फ उन पर ही नहीं, बल्कि उनके बच्चों पर भी गहराई से पड़ता है. तलाक की प्रक्रिया और उसके बाद का माहौल बच्चों के लिए भावनात्मक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
खासतौर पर यदि बच्चे की उम्र 6-12 साल के बीच है. इस उम्र में बच्चा जीवन के एक ऐसे पड़ाव पर होता है, जहां वह चीजों को बहुत अच्छी तरह से समझ नहीं पाता लेकिन उसके सवाल बहुत गहराई वाले होते हैं. साथ ही इस उम्र हर बच्चा दूसरों के सामने अपनी इमेज को लेकर भी बहुत गंभीर होता है. साथ ही इस उम्र में घटी अच्छी और बुरी घटनाएं उसे जीवन भर याद रहती है. इसलिए इस उम्र में पेरेंट्स को बहुत ही मिलजुल कर बच्चे की परवरिश करनी चाहिए ताकि वह इमोशनली हेल्दी रहे.
कुछ ऐसा होता है बच्चों पर तलाक का प्रभाव
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जापान में आ सकता है ये कानून
बच्चों पर पड़ने वाले तलाक के नकारात्मक प्रभाव और सिंगल पेरेंटिंग के स्ट्रगल को खत्म के लिए जापान सरकार जल्द एक कानून पास करने वाली है. इसके तहत अलग होने के बाद भी माता-पिता को मिलजुल कर अपने बच्चे की परवरिश करनी होगी.