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Cancer Symptoms in Women: अमेरिका की अलग-अलग अदालतों में कई महिलाओं ने याचिकाएं दायर कर यह शिकायत की है की बाल सीधे करने वाले प्रोडक्ट यानी परमानेंट हेयर स्ट्रेटनिंग एजेंट में शामिल केमिकल्स की वजह से उन्हें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो गई है. अब शिकागो कोर्ट में इन अलग-अलग याचिकाओं को इकट्ठा करके इन पर सुनवाई होगी.
दरअसल अक्टूबर 2022 में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में की गई एक रिसर्च में यह सामने आया कि बालों को परमानेंटली सीधा करने वाले प्रोडक्ट में शामिल केमिकल्स की वजह से महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर यानी यूटरिन कैंसर की शिकायतें देखने में आई हैं. दरअसल यह रिसर्च इन केमिकल और ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर के बीच में लिंक ढूंढने के लिए की गई थी. लेकिन रिसर्च के दौरान डॉक्टरों को समझ में आया की असल में इस केमिकल की वजह से एंडोमेट्रियल कैंसर यानी यूट्रस के कैंसर की शिकायतें बढ़ रही हैं. अमेरिका में यूटरिन कैंसर काफी कम पाया जाता है, यह 3% महिलाओं में ही देखा जाता है.
इस रिसर्च में 35 से 74 वर्ष की 33497 अमेरिकी महिलाओं को शामिल किया गया यह रिसर्च 11 वर्षों तक इन महिलाओं की सेहत को फॉलो करती रही. इस दौरान इन महिलाओं में से 378 कैंसर केस सामने आए.
इस रिसर्च में पाया गया था कि आमतौर पर महिलाओं को 70 साल की उम्र तक आते-आते 1.64% चांस है कि उन्हें कैंसर होगा लेकिन वह महिलाएं जो इस तरह के केमिकल वाले प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रही हैं उनमें यह खतरा बढ़ कर 4.05% देखा गया.
धर्मशिला अस्पताल के डॉ अंशुमन के मुताबिक के मुताबिक इन प्रोडक्ट में Bisphenol A और फॉर्मेल्ल्डिहाइड पाया जाता है यह दोनों ही कैंसर पैदा करने के लिए अलग-अलग रिसर्च में जिम्मेदार पाए गए है. ये दोनों ही एजेंट्स वातावरण में प्लास्टिक में भी मौजूद है. धर्मशिला अस्पताल के डॉ अंशुमन के मुताबिक लाइफस्टाइल को सीधा और साधारण बनाकर ही कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.
जैसे अगर आप सीजन का फल ना खाकर स्टोर करने वाला फल सब्जी खा रहे हैं तो हो सकता है उस पर भी कैंसर कारी केमिकल जैसे formaldehyde की कोटिंग लगाकर उसकी उम्र बढ़ाई गई हो. America के centre for disease की रिसर्च भी दिसंबर 2022 में hair dye और दूसरे प्रोडक्ट्स में कैंसर वाले एजेंट होने का अंदेशा जता चुकी है.
इस बार तीन बड़ी कंपनियां अमेरिका की अदालत के घेरे में हैं. ये तीनों कंपनियां भारत में भी कारोबार करती हैं. दो कंपनियां तो भारतीय हैं. तीनों कंपनियों से ये खबर लिखे जाने तक रेस्पॉन्स मांगा गया. जवाब का इंतजार है. Loreal statement - ये स्टेटमेंट October 2022 में रिसर्च आने के बाद दायर किए गए लॉ सूट पर दिया गया. वेबसाइट पर मौजूद है.
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