स्टालिन ने दक्षिणी तमिलनाडु की तूतीकोरिन सीट से कनिमोझी को पार्टी उम्मीदवार घोषित किया है.
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चेन्नई: तमिलनाडु में 18 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवार खड़े करने में वंशवाद की राजनीति के आरोप से द्रमुक ने सोमवार को इनकार किया और जोर देकर कहा कि पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं को टिकट दिए गए हैं. द्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद कनिमोझी ने कहा कि सिर्फ उन्हीं को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिए गए हैं, जो लंबे समय से पार्टी की सेवा करते आए हैं. कनिमोझी खुद पार्टी के दिवंगत प्रमुख एम करुणानिधि की बेटी हैं और द्रमुक की अध्यक्षता अब उनके भाई एमके स्टालिन कर रहे हैं.
स्टालिन ने दक्षिणी तमिलनाडु की तूतीकोरिन सीट से कनिमोझी को पार्टी उम्मीदवार घोषित किया है. वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाली हैं. द्रमुक के उम्मीदवारों की सूची में वंशवादी राजनीति का वर्चस्व नजर आने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कनिमोझी ने कहा, ‘‘लंबे समय से पार्टी के लिए काम करने वालों को ही टिकट दिया गया है. ऐसा नहीं है कि किसी को बाहर से लाया गया हो.’’ उन्होंने कहा कि सिर्फ इस आधार पर किसी को टिकट देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि वह किसी का राजनीतिक वारिस है.
वह द्रमुक की सहयोगी पार्टी एमडीएमके के संस्थापक वाइको से मुलाकात करने के बाद उनके आवास पर पत्रकारों को संबोधित कर रही थीं. द्रमुक के प्रथम परिवार से कनिमोझी के अलावा पार्टी ने करुणानिधि के पोते एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन और पार्टी के वरिष्ठ नेता दुरै मुरूगन के बेटे डीएम कथिर आनंद को लोकसभा टिकट दिया है. एक अन्य वरिष्ठ नेता आर्कोट एन वीरासामी के बेटे डॉ. कलानिधि वीरासामी को चेन्नई उत्तरी सीट से टिकट दिया गया है.
इसी तरह, द्रमुक के मौजूदा विधायक एवं पूर्व मंत्री के पोनमुदी के बेटे गौतम सिगामणि को भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया है. इस बीच, वाइको ने भरोसा जताया कि कनिमोझी कम से कम एक लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीतेंगी. उन्होंने कहा कि वह 22 मार्च को तूतीकोरिन से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे और द्रमुक प्रमुख स्टालिन तिरुवरूर से प्रचार आरंभ करेंगे.