Lok Sabha Exit Poll 2019: कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल रही है, विजयी रथ पर सवार कौन होगा ये भी एग्जिट पोल के जरिए साफ होता है. ऐसा नहीं है कि एग्जिट पोल हमेशा सही साबित होते हैं.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के सातवें चरण और अंतिम चरण का मतदान हो रहा है. वोटिंग के खत्म होने के साथ ही एग्जिट पोल (Exit Poll 2019) के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. एग्जिट पोल पार्टियों की धड़कनों को बढ़ाएगा. कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल रही है, विजयी रथ पर सवार कौन होगा ये भी एग्जिट पोल 2019 के जरिए साफ होता है. ऐसा नहीं है कि एग्जिट पोल हमेशा सही साबित होते हैं, ऐसे में ये जानना जरूरी है कि Exit Poll होता क्या है?
एग्जिट पोल (Exit Poll) एक सर्वे के माध्यम से सामना आता है. इस सर्वे के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि चुनाव परिणाम कैसे और किसके पक्ष में आ रहे हैं. जब मतदाता अपना वोट डालकर निकल रहा हो तब उससे पूछा जाए कि उसने किसे वोट दिया. इस आधार पर किए गए सर्वेक्षण से जो व्यापक नतीजे निकाले जाते हैं उन्हें ही एक्जिट पोल कहते हैं.
एग्जिट और पोस्ट पोल से सटीक आते है परिणाम
एग्जिट पोल (Exit Poll) को सटीक बनाने के लिए काफी फील्ड वर्क करना होता है. एजेंसी ये जानती हैं कि सिर्फ मतदान देकर बाहर आए मतदाताओं की राय मात्र से ही रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकती है. इसलिए एजेंसियां मतदान के तुरंत बाद मतदाता से राय जानकर मोटा-मोटा हिसाब लगा लेती है. मतदान के दो-चार दिन के बाद सटीक रिजल्ट्स के लिए पोस्ट पोल किया जाता है. इसके माध्यम से वोटर की राय जानने की कोशिश की जाती है. कहा जाता है कि पोस्ट पोल के परिणाम ज्यादा सटीक होते हैं.
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ऐसे सामने आते हैं आंकड़े
कोई भी पोल हो, उसके आंकड़े सर्वे के माध्यम से सामने आते हैं. इसके लिए सैंपलिंग भी की जाती है. सर्वे में आंकड़े हासिल करने के लिए फील्ड वर्क किया जाता है. इसकी सैंपलिंग के लिए चुनावी सर्वे करने वाली एजेंसी के लोग मतदाताओं से राय लेते हैं. कई बार यह डाटा बातचीत तो कई बार कोई फॉर्म भरवाकर हासिल किए जाते हैं. कई बार इंटरनेट के माध्यम से भी आंकड़े जुटाए जाते हैं. यह डाटा उम्र, आयु वर्ग, आय वर्ग, जाति, क्षेत्र आदि के आधार पर इकट्ठे किए जाते हैं.
इन देशों से सामने आते हैं एग्जिट पोल
दुनिया के कई लोकतांत्रिक देशों का एग्जिट पोल को लेकर अलग-अलग मत है. बेल्जियम, डेनमार्क, जर्मनी और आयरलैंड जैसे देशों में एग्जिट पोल करने को खुली छूट है जबकि चीन, दक्षिण कोरिया और मैक्सिको में कुछ शर्तों के साथ एग्जिट पोल की इजाजत है.