हासन लोकसभा सीट: यहां कभी नहीं खिला कमल, देवेगौड़ा के पोते को मात देने के लिए BJP का बड़ा प्‍लान
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हासन लोकसभा सीट: यहां कभी नहीं खिला कमल, देवेगौड़ा के पोते को मात देने के लिए BJP का बड़ा प्‍लान

लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) में हासन सीट पर बीजेपी ने ए मंजू को उम्‍मीदवार अपना बनाया है. वह पहले कांग्रेस में थे. 2014 के चुनाव में उन्‍होंने देवेगौड़ा को कड़ी टक्‍कर दी थी

ए मंजू पिछले चुनाव में कांग्रेस के ट‍िकट पर एचडी देवेगौड़ा के खिलाफ लड़े थे.

हासन: हासन लोकसभा सीट कर्नाटक में सबसे पुरानी सीटों में से एक है. लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट पर सभी की निगाहे हैं. ये सीट अब तक जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा के नाम से जानी जाती थी, लेकिन इस बार उन्‍होंने यहां से अपने पोते और केंद्रीय मंत्री एचडी रेवन्‍ना के बेटे प्राज्‍वल रेवन्‍ना को उम्‍मीदवार बनाया है. बड़ी बात ये है कि भले इस राज्‍य में बीजेपी सरकार बना चुकी है, लेकिन इस सीट पर आज तक कमल नहीं खिला है. ये सीट जेडीएस की परंपरागत सीट मानी जाती है.

इस चुनाव में बीजेपी ने इस बार इस सीट से ए मंजू को उम्‍मीदवार अपना बनाया है. वह पहले कांग्रेस में थे. 2014 के चुनाव में उन्‍होंने देवेगौड़ा को कड़ी टक्‍कर दी थी और करीब 3 लाख के मार्जिन को घटाकर 1 लाख कर दिया था. 2009 में देवेगौड़ा इस सीट पर 2.91 लाख वोटों से जीते थे, लेकिन 2014 में सिर्फ 1 लाख वोट से जीत दर्ज कर पाए थे. इस बार देवेगौड़ा तुमकुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी जगह उनके पोते प्राज्‍वल रेवन्‍ना को उम्‍मीदवार बनाया है, ऐसे में इस सीट पर इस बार रोचक मुकाबला होने की उम्‍मीद है.

5 बार इस सीट से जीत चुके हैं देवेगौड़ा
1974 में कर्नाटक राज्‍य बनने के बाद इस सीट पर अब तक 12 चुनाव हुए हैं. इसमें से जेडीएस को 7 बार गैर कांग्रेसी उम्‍मीदवार को जीत मिली है. सबसे ज्‍यादा बार इस सीट से एचडी देवेगौड़ा जीते हैं. वह लगातार तीन बार जेडीएस के उम्‍मीदवार के तौर पर और दो बार जनता दल के उम्‍मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर चुके हैं. इसके अलावा एक बार भारत लोकदल उम्‍मीदवार निंजेशा गौड़ा और एक बार जनता दल उम्‍मीदवार रुद्रेश गौड़ा को जीत मिली है. कांग्रेस को यहां पर 5 बार जीत मिली है. आखिरी बार कांग्रेस यहां पर 1999 में जीती थी.

कौन हैं ए मंजू
ए मंजू कांग्रेस के पुराने नेता रहे हैं. वह कर्नाटक में कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन्‍हें सिद्धारमैया कैंप का माना जाता था, लेकिन इन चुनावों से ठीक पहले उन्‍होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. अब वह बीजेपी को इस सीट पर पहली बार जीत दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.

प्राज्‍वल रेवन्‍ना के हाथ में देवेगौड़ा की विरासत
हासन लोकसभा सीट पर 31 वर्षीय प्राज्‍वल रेवन्‍ना कोई नया चेहरा नहीं हैं. वह देवेगौड़ा के पोते हैं. इसके अलावा वह अपने पिता एचडी रेवन्‍ना की विधानसभा सीट होलेनारासीपुरा का कामकाज भी देखते हैं. इस सीट पर उनके पक्ष में जो सबसे बड़ी बात है वह है कांग्रेस के साथ गठबंधन. पूर्व मुख्‍यमंत्री सिद्धरमैया उनके लिए प्रचार कर चुके हैं.

इससे पहले ये सीट हमेशा से जेडीएस और कांग्रेस के कड़े मुकाबले की गवाह बनती रही है. लेकिन इस बार मंजू के बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के कारण भगवा पार्टी को इस सीट पर उम्‍मीद है कि वह यहां पर कुछ उलटफेर कर सकती है. क्‍योंकि मंजू को बीजेपी के अलावा दूसरे समर्थकों का वोट मिलने की संभावना है.

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