नई दिल्लीः  'बुल्डोजर मिनिस्टर' के नाम से जनता के बीच मशहूर नितिन गडगरी आरएसएस के चहेते नेता माने जाते हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में गडकरी ने नागपुर लोकसभा सीट से 4 बार के कांग्रेस सांसद विलास मुत्तेमवार को करीब 2.84 लाख वोटों के अंतर से हराया था. महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री रह चुके गडकरी ने अपने कार्यकाल में राज्य में बहुत सारी सड़कों, राजमार्गों और फ्लाईओवर्स का निर्माण कराया था, जिसके चलते वह 'बुल्डोजर मिनिस्टर' के नाम से मशहूर हुए.


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जीवन परिचय
गडकरी का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था, किशोरावस्था से ही उनका राजनीति की तरफ खासा रुझान था, जिसके चलते उन्होंने भारतीय युवा मोर्चा और भाजपा की छात्र शाखा एबीवीपी के लिए काम करना शुरू कर दिया था. गडकरी की शादी कंचन गडकरी से हुआ था और उनके तीन बच्चे हैं जिनके नाम निखिल, सारंग और केतकी हैं. वे नागपुर में रहते हैं. 


राजनीतिक जीवन
गडकरी ने 1973 में नागपुर विश्वविद्यालय में भाजपा की छात्र शाखा ABVP से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की. गडकरी 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने और अपने अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व के चलते आरएसएस  के चहेते नेता के रूप में उभरे. 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए जहां वह चार साल तक मंत्री पद पर रहे. 1989 में वे पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए, पिछले 20 वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं. उन्होंने अपनी पहचान जमीन से जुड़े एक कार्यकर्ता के तौर पर बनाई है और वे एक राजनेता के साथ-साथ एक कृषक और एक उद्योगपति भी हैं.


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नागपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी के नितिन गडकरी के सामने कांग्रेस ने नाना पटोले को चुनाव मैदान में उतारा है. नाना पटोले नितिन गडकरी को अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं ऐसे में यहां की चुनावी लड़ाई और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है कि इस बार की बाजी गुरू के हांथो में लगेगी या फिर शिष्य के हांथों गुरू को शिकस्त मिलेगी. नागपुर लोकसभा सीट नितिन गडकरी की वजह से सुर्खियों में है. नितिन गडकरी ने 2014 में चार बार के कांग्रेस सांसद विलास मुत्तेमवार को हराकर अपने नाम की थी. 


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2014 के लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी ने मुत्तेमवार को लगभग 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. गडकरी को 5 लाख 87 हजार 767 वोट मिले थे जबकी कांग्रेस उम्मीदवार को 3 लाख 2 हजार 939 वोट मिले थे. नाना पटेल पूर्व भाजपा नेता है और उन्होंने 2014 में दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल को डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया था जो इस बात को साबित करता है कि नाना पटेल के सामने नितिन गडकरी के लिए चुनौती आसान नहीं रहेगी. इस सीट पर वर्ष 2014 में बीएसपी 96433 वोट के साथ नंबर तीन और आम आदमी पार्टी 69081 वोट के साथ नंबर 4 पर रही थी.