बेंगलुरु दक्षिण: अनंत कुमार के रण में कांग्रेस के हर‍िप्रसाद के सामने BJP ने लगाया युवा पर दांव
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बेंगलुरु दक्षिण: अनंत कुमार के रण में कांग्रेस के हर‍िप्रसाद के सामने BJP ने लगाया युवा पर दांव

बेंगलुरु दक्षिण सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस पर 1991 से लेकर अब तक बीजेपी का ही कब्जा है. 1996 से बीजेपी के दिवंगत नेता अनंत कुमार यहां से लगातार जीतते रहे.

बेंगलुरु दक्षिण: अनंत कुमार के रण में कांग्रेस के हर‍िप्रसाद के सामने BJP ने लगाया युवा पर दांव

नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनावों बीजेपी के लिए जो राज्य सबसे ज्यादा अहम साबित होने वाले हैं, उनमें एक राज्य कर्नाटक भी है. दक्षिण का एक मात्र राज्य कर्नाटक ही है, जहां बीजेपी ने अपने दम पर सरकार बनाई है. बाकी के राज्यों में बीजेपी अब भी अपनी जगह बनाने के लिए कोशिश ही कर रही है. 2014 में अगर देश में बीजेपी ने पूरा बहुमत पाया तो इसमें कर्नाटक का बड़ा योगदान था. कर्नाटक की 28 में से 17 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था.हालांकि 2009 के मुकाबले 2 सीटें फिर भी कम थीं. कांग्रेस ने 2009 के मुकाबले 3 सीटें ज्यादा हासिल कर 9 सीटें जीती थीं. जेडीएस को 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 

कर्नाटक में कुछ सीटें ऐसी हैं, जो परंपरागत रूप से बीजेपी का गढ़ मानी जाती हैं. बेंगलुरु दक्षिण सीट भी इन्हीं में से एक है. इस पर 1991 से लेकर अब तक बीजेपी का ही कब्जा रहा है. 1996 से बीजेपी के दिवंगत नेता अनंत कुमार यहां से लगातार जीतते रहे. 1977 में कर्नाटक स्टेट बनने के बाद यहां से सिर्फ एक बार कांग्रेस जीत पाई है. इस बार इस सीट से कांग्रेस ने अपने व‍र‍िष्‍ठ नेता वीके हरिप्रसाद को उतारा है, तो बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए युवा तेजस्‍वी सूर्या को मैदान में उतारा है. माना जा रहा था कि बीजेपी यहां से अनंत कुमार की पत्‍नी को उतारेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

1991 में कांग्रेस से ये सीट पहली बार बीजेपी के केवी गौड़ा ने छीनी थी. उसके बाद 1996 में इस सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता अनंत कुमार इस सीट से ऐसे जुड़े कि उन्हें कांग्रेस या जेडीएस को ई भी नेता हरा नहीं पाया. लेकिन पिछले साल अनंत कुमार के निधन के कारण ये सीट खाली है.

अनंत कुमार पहली बार इस सीट पर मात्र 35.08 फीसदी वोट लेकर जीते. लेकिन दो साल बाद 1998 में हुए चुनाव में उन्हें 53 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार डीपी शर्मा को 1.80 लाख वोट से हराया. 2014 के चुनाव में उन्हें सबसे ज्यादा 56.88 फीसदी वोट मिले. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार नंदन नीलेकणि को 2.28 लाख वोट से हराया. इस सीट से अनंत कुमार एयर डेक्कन के फाउंडर केप्टन गोपीनाथ को भी हरा चुके हैं. 

कर्नाटक राज्य बनने के बाद कांग्रेस मात्र एक बार जीती
बेंगलुरु दक्षि‍ण सीट कांग्रेस के लिए लकी नहीं रही. खासकर कर्नाटक स्टेट बनने के बाद. 1977 के बाद इस सीट पर कांग्रेस को सिर्फ एक बार जीत मिली. 1989 में कांग्रेस के आर गुंडुराव ने ये सीट जीती थी, उसके बाद कभी भी यहां कांग्रेस को जीत नहीं मिली. 

कर्नाटक स्टेट बनने के बाद बेंगलुरु साउथ सीट का इतिहास
साल         उम्मीदवार               पार्टी                 वोट

1977       केएस हेगड़े              जनता पार्टी       221974
1980       टीआर समन्ना         जनता पार्टी      198390
1984       वीएस कृष्णा अय्यर  जनता पार्टी       264765
1989       आर गुंडुराव             कांग्रेस             413574 
1991       केवी गौड़ा               बीजेपी             275083 
1996       अनंत कुमार            बीजेपी            251235
1998       अनंत कुमार            बीजेपी            429648
1999       अनंत कुमार            बीजेपी            410161
2004       अनंत कुमार            बीजेपी            386682
2009       अनंत कुमार            बीजेपी           437953
2014       अनंत कुमार            बीजेपी           633816

वोक्कालिगा और ब्राह्मण सबसे ज्यादा प्रभावशाली वोटर्स
इस सीट पर सबसे ज्यादा प्रभावशाली वोटर्स वोक्कालिगा और ब्राह्मण समुदाय है. 2009 के मुताबिक इस सीट पर 4.5 लाख वोक्कालिगा वोटर्स हैं. 3.5 लाख ब्राह्मण वोटर्स हैं. वहीं 2 लाख कुरबा समुदाय के वोटर्स हैं. 2 लाख रेड्डी और 1 लाख मुस्लिम समुदाय के वोटर हैं. क्रिश्चियन समुदाय के यहां पर 2 लाख वोट हैं. अनंत कुमार ब्राह्मण समुदाय से आते थे. 

पिछले साल 12 नंवबर को 59 साल की उम्र में अनंत कुमार का निधन हुआ था. वह कैंसर से पीड़ित थे. अनंत कुमार की दो बेटियां हैं. साल 2014 के हलफनामे के मुताबिक उनके पास करीब 4.5 करोड़ की संपत्ति है. अनंत कुमार ने हुबली के लॉ कॉलेज से कानून की शिक्षा हासिल की थी. 

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