मायावती ने दिया था डिंपल को जीत का आशीर्वाद, लेकिन कन्नौज से हार गईं यादव परिवार की बहू
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मायावती ने दिया था डिंपल को जीत का आशीर्वाद, लेकिन कन्नौज से हार गईं यादव परिवार की बहू

2019 में मोदी लहर कन्नौज में दिखी. यहां से अप्रत्याशित परिणाम सामने आए. दो बार सांसद रहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पराजित हो गईं, यहां से बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक विजयी घोषित किए गए.

डिंपल यादव ने कन्नौज में हुई महागठबंधन रैली में बसपा सुप्रीमो के पैर छूकर आशीष लिया था.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज कर ली है. यूपी में साल 2014 जिस सीट को मोदी लहर हिला नहीं पाई थी. वह लोकसभा सीट 2019 में बीजेपी ने अपने कब्जे में कर ही ली. उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कन्नौज एक ऐसी लोकसभा सीट है, जिस पर सभी की निगाहें थी. सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन की तरफ से यहां से यादव परिवार की बड़ी बहू डिंपल यादव चुनाव में एक बार फिर खड़ी थी. लेकिन जनता ने सुब्रत पाठक पर लोगों ने विश्वास किया और अगले पांच साल के लिए अपना सांसद चुन लिया. 

कन्नौज में दिखी मोदी लहर

2019 में मोदी लहर कन्नौज में दिखी. यहां से अप्रत्याशित परिणाम सामने आए. दो बार सांसद रहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पराजित हो गईं, यहां से बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक विजयी घोषित किए गए.

2019 का ये है जनादेश
मतगणना के शुरुआती दौर में डिंपल कुछ आगे रहीं लेकिन दोपहर बाद से वह पिछड़ने लगीं, जिसके बाद से बराबरी पर नहीं आ पाईं. हालांकि, दोनों के बीच करीबी टक्कर रही, लेकिन अंततः सुब्रत पाठक ने बाजी मार ली. कन्नौज से डिंपल यादव को 5,50,734 वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक को 5,63,087 वोट मिले हैं. डिंपल यादव ने पिछली बार से वोट बैंक जरूर बढ़ाया है, लेकिन सफलता हासिल करने से दूर रह गईं.

मायावती ने डिंपल को दिया था आशीर्वाद
जैसे-जैसे सुब्रत पाठक और डिंपल के बीच मतों का अंतर बढ़ रहा है, वैसे ही सपा के खेमें में हलचल बढ़ती जा रही है. इस सीट पर अखिलेश यादव के साथ ही मायावती ने डिंपल के समर्थन में जनसभा और लोगों से पार्टी प्रत्याशी को जिताने की अपील की थी. साथ ही मायावती ने डिंपल को आशीर्वाद देकर अपने परिवार का सदस्य भी बताया था. 

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पहली बार फिरोजाबाद से लड़ा था चुनाव
2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था. अखिलेश यादव को फिरोजाबाद और कन्नौज, दोनों से जीत मिली थी. बाद में अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद सीट छोड़ दी थी और फिरोजाबाद से पत्नी डिंपल यादव को पहली बार चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन कांग्रेस नेता राजबब्बर ने डिंपल यादव को शिकस्‍त दी थी.

2012 उपचुनाव में किया था कन्नौज पर कब्जा
2012 में कन्‍नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में डिंपल यादव को फिर मैदान में उतारा गया. इस बार वह यहां से निर्विरोध चुनी गईं. दरअसल उनके सामने खड़े हुए संयुक्‍त समाजवादी पार्टी के दशरथ सिंह शंखवार और निर्दलीय प्रत्‍याशी संजु कटियार ने अपना नामांकन वापस ले लिया था.

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