लोकसभा चुनाव 2019: किसका होगा अकबरपुर, इस सीट से मायावती ने तीन बार जीता है चुनाव
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लोकसभा चुनाव 2019: किसका होगा अकबरपुर, इस सीट से मायावती ने तीन बार जीता है चुनाव

इस सीट को बहुजन समाज पार्टी का गढ़ माना जाता है. साल 2014 में हुए चुनावों में यहां बीजेपी कमल खिलाने में सफल हुई थी, मौजूदा समय में बीजेपी के देवेंद्र सिंह यहां से सांसद हैं. 

साल 2014 में बीएसपी यहां दूसरें नंबर पर रही थी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में अकबरपुर एक हैं. कानपुर से सटे अकबरपुर को पहले बिल्हौर सीट के रूप में जाना जाता था. साल 2009 में परिसीमन के बाद यह अकबरपुर लोकसभा सीट के रूप में अस्तित्व में आ गई. इस सीट को बहुजन समाज पार्टी का गढ़ माना जाता है. यहां प्रसिद्ध श्रवण धाम मंदिर है. रामायण के मुताबिक, राजा दशरथ ने शिकार करते समय यहीं पर भूलवश श्रवण कुमार को तीर से मारा था, इसलिए यहां श्रवण धाम मंदिर हैं , जो कि आस्था का केंद्र है. साल 2014 में हुए चुनावों में यहां बीजेपी कमल खिलाने में सफल हुई थी, मौजूदा समय में बीजेपी के देवेंद्र सिंह यहां से सांसद हैं. 

2014 का जनाधार
2014 में देश में आई मोदी लहर से इस सीट का बेहद फायदा हुआ. भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेन्द्र सिंह यहां से सांसद बनें और संसद तक पहुंचे. बीएसपी यहां दूसरे नंबर पर रही थी. 

 

ऐसा है राजनीतिक इतिहास
साल 1962 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ, तब इस बिल्हौर सीट के रूप में जाना जाता था. पहली बार हुए चुनावों में कांग्रेस के पन्ना लाल ने यहां जीत दर्ज की थी. साल 1967 में कांग्रेस को यहां से हार का मुंह देखना पड़ा था. तब रिपब्लिक ऑफ इंडिया ने यहां से चुनाव जीता था. साल 1998 में इस सीट से बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. साल 2002 में हुए उपचुनावों में यह सीट सामान्य श्रेणी में आ गई, जहां से बसपा के त्रिभुवन दत्त विजयी हुए. साल 2004 में यह सीट एक बार फिर से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई. मायावती ने एक बार फिर चुनाव जीता और लोकसभा पहुंचीं. साल 2009 में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई और साल 2014 में मोदी लहर में इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा किया.  

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