औरंगाबाद के जातीय समीकरण के हिसाब से इस सीट पर राजपूतों की आबादी सर्वाधिक है.
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औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद लोकसभा सीट पर पहले चरण यानी 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. लगभग 16 लाख मतदाताओं वाले इस सीट पर कुल 8,46,02 पुरुष मतदाता हैं. वहीं, महिला मतादाताओं की संख्या कुल 7,43,370 है. सीट बंटवारे में एनडीएम में यह सीट बीजेपी के खाते में गई है. अगर महागठबंधन की बात करें तो जीतन राम मांझी की पार्टी के उम्मीदवार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने अपने स्थानीय सांसद सुशील कुमार सिंह पर फिर से भरोसा किया है. वहीं, मांझी ने जेडीयू से हम में शामिल हुए उपेंद्र प्रसाद को टिकट दिया है.
2014 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेपी प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह को कुल 3,07,941 वोट मिले थे. साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार निखिल कुमार 2,41,594 मतों के साथ दूसरे नंबर रहे थे. जेडीयू ने बागी कुमार वर्मा को टिकट दिया था, जो 1,36,137 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. इस चुनाव में निखिल कुमार को टिकट से महरूम होना पड़ा. इस कारण से उनके समर्थकों ने कांग्रेस कार्यलय में जमकर नारेबाजी की.
औरंगाबाद के जातीय समीकरण के हिसाब से इस सीट पर राजपूतों की आबादी सर्वाधिक है. लगभग 2 लाख की संख्या है. इसके अलावा डेढ़ लाख की जनसंख्या के साथ यादव दूसरे नंबर पर हैं. साथ ही मुस्लिमों की आबादी 1.25 लाख है. औरंगाबाद सीट पर कुशवाहा जाति के लोगों की संख्या 1.25 लाख, भूमिहार एक लाख और एससी 2 लाख 75 हजार है.
राजपूत वोटरों की दबदबा वाली औरंगाबाग सीट को बिहार का चित्तौड़गढ़ भी कहा जाता है. यहां सिर्फ राजपूत प्रत्याशियों को ही जीत मिली है. 1952 से 2014 तक हर बार राजपूत नेता ही जीते हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह का क्षेत्र है औरंगाबाद. वह 1952 से 1984 के बीच सात बार जीते थे. 1999 से 1996 तक जनता दल का कब्जा रहा. 1998 में समता पार्टी से सुशील कुमार सिंह चुनाव जीते थे. 2004 में कांग्रेस से निखिल कुमार ने चुनाव जीता था. सुशील कुमार सिंह 2009 में जेडीयू और 2014 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीते थे. औरंगाबाद लोकसभा में विधानसभा की 6 सीटें हैं. इनमें तीन पर महागठबंधन और तीन पर एनडीए का कब्जा है.
सुशील कुमार सिंह का सियासी सफरनामा
सुशील कुमार सिंह 1998 में पहली बार औरंगाबाद से चुनाव लड़े थे. समता पार्टी की टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे. ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म कमेटी के सदस्य बनाए गए. 2000 से 2005 तक बिहार विधानसभा के सदस्य रहे. 2009 में औरंगाबाद से फिर सांसद चुने गए. इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कमेटी के सदस्य भी बने. 2014 में फिर लोकसभा चीनाव जीते. 2019 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
उपेंद्र प्रसाद का सियासी सफरनामा
उपेंद्र प्रसाद पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. हम की टिकट पर औरंगाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं. जेडीयू के कोटे से उन्हें एमएलसी बनाया गया था. हाल ही में वह जेडीयू छोड़ हम में शामिल हुए.