सुमित्रा महाजन ने कहा, 'मुझे चुनाव नहीं लड़ना है, इंदौर सीट पर फैसला लेने में देरी क्यों?'
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सुमित्रा महाजन ने कहा, 'मुझे चुनाव नहीं लड़ना है, इंदौर सीट पर फैसला लेने में देरी क्यों?'

'1989 में इंदौर से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब भी मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था। पार्टी ने मुझे खुद टिकट दिया था। मैंने अपनी पार्टी से आज तक टिकट नहीं मांगा है.'

फाइल फोटो- PTI

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) में इंदौर से बीजेपी सांसद और लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. सुमित्रा महाजन ने चिट्ठी लिखकर चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा है. हालांकि अपनी चिट्ठी में सुमित्रा महाजन ने इस फैसले को लेने के लिए भी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. सुमित्रा महाजन का कहना है कि पार्टी इंदौर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के ऐलान में इतनी देरी क्यों कर रही है? इंदौर में लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को मतदान होना है. 

बता दें कि 2 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा था कि उन्होंने अपने तीन दशक लम्बे संसदीय जीवन में आज तक अपनी पार्टी से मांग नहीं की है कि उन्हें चुनावी प्रत्याशी बनाया जाये. लगातार आठ दफा लोकसभा में इंदौर की नुमाइंदगी करने वाली वरिष्ठ बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि अगर इस बार उनकी उम्मीदवारी के विकल्पों पर चर्चा की जा रही है, तो यह "स्वाभाविक प्रक्रिया" होने के साथ खुद उनके लिये "गौरव" की बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि बीजेपी में योग्य नेताओं की कमी नहीं है. 

"ताई" (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) के नाम से मशहूर नेता ने यह बात ऐसे वक्त कही है, जब इंदौर सीट से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम बीजेपी नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा? 

इसी महीने की 12 तारीख को उम्र के 76 साल पूरे करने जा रहीं महाजन ने यहां "पीटीआई-भाषा" से कहा, "सबसे पहली बात तो यह है कि जब मैंने वर्ष 1989 में इंदौर से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब भी मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था. पार्टी ने मुझे खुद टिकट दिया था. मैंने अपनी पार्टी से आज तक टिकट नहीं मांगा है." 

इंदौर से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के सबब को लेकर किये गये सवाल पर उन्होंने कहा, "इस प्रश्न का उत्तर तो बीजेपी संगठन ही दे सकता है. हो सकता है कि उनके (बीजेपी संगठन के नेताओं के) मन में कुछ बात हो. इस बारे में जब तक बीजेपी संगठन कुछ नहीं बोलेगा, मैं भी कुछ नहीं कह सकती." 

उन्होंने कहा, "मैंने बीजेपी संगठन के किसी भी नेता से बात नहीं की है कि इंदौर से पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा क्यों रोकी गयी है? हमारी पार्टी में इस तरह के सवाल नहीं किये जाते, क्योंकि उम्मीदवार तय करना हमारे संगठन का काम है. इंदौर से उम्मीदवार चयन के मामले में बीजेपी संगठन उचित समय पर उचित निर्णय करेगा." 

इंदौर सीट के उम्मीदवार के तौर पर उनके विकल्प के रूप में बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं के नाम सामने आये हैं. इस बारे में महाजन ने कहा, "यह (विकल्पों पर चर्चा) अच्छी बात है और स्वाभाविक प्रक्रिया भी है. (पार्टी में) बहुत सारे विकल्प होने चाहिये. इसी से पार्टी मजबूत मानी जाती है और यह भी पता चलता है कि पार्टी में इतने योग्य कार्यकर्ता हैं कि इनमें से किसी को भी टिकट दे दिया जाये, तो वह चुनाव जीत जायेगा." 

उन्होंने कहा, "अगर इंदौर में मेरे विकल्पों की चर्चा की जा रही है, तो यह मेरे लिये गौरव की बात है क्योंकि मैं भी पार्टी की एक घटक हूं." 

बहरहाल, अपना टिकट कटने की अटकलों से बेपरवाह महाजन ने स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं की मार्गदर्शक के तौर पर चुनावी मैदान पकड़ लिया है. वह लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर बीजेपी के अभियान के तहत शहर भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रही हैं. 

वर्ष 1982 में इंदौर नगर निगम के चुनावों में पार्षद पद की उम्मीदवारी से अपने चुनावी करियर की कामयाब शुरूआत करने वाली बीजेपी नेता ने कहा, "चुनाव एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी पार्टी लड़ती है. व्यक्ति (उम्मीदवार) तो सहायक की भूमिका में रहता है. अभी हमारे मन में एक ही लक्ष्य है कि लोकसभा चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर बहुमत वाली सरकार बनानी है." 

महाजन के अलावा, इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी के चुनावी टिकट के दावेदारों के रूप में शहर की महापौर तथा पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, बीजेपी की अन्य विधायक ऊषा ठाकुर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम चर्चा में हैं. 

(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)

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