'संविधान बचाने' निकले तेजस्वी यादव ने नहीं डाला वोट, तेजप्रताप के बाउंसर ने की पत्रकार की पिटाई
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'संविधान बचाने' निकले तेजस्वी यादव ने नहीं डाला वोट, तेजप्रताप के बाउंसर ने की पत्रकार की पिटाई

आमतौर पर लालू यादव के साथ रहने पर पूरा परिवार एक साथ वोट डालने बूथ तक पहुंचता था, लेकिन इसबार तस्वीर बदली हुई थी. 

अंतिम चरण के वोटिंग में सुर्खियों में बने रहे तेजस्वी और तेजप्रताप.

पटना : लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण के मतदान के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अलग-अलग कारणों से सुर्खियों में बने रहे. वोट डालने पहुंचे लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के बाउंसरों ने एक पत्रकार को जमकर पीट दिया. वहीं, कथित रूप से 'संविधान बचाने' के लिए निकले तेजस्वी यादव ने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर लोगों को चौंका दिया.

पटना साहिब लोकसभा सीट पर अंतिम चरण में चुनाव था. लालू परिवार के वोटिंग का इंतजार हर चुनाव में न केवल मीडिया को होता है बल्कि उनके समर्थकों को भी होता है. पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड के बूथ संख्या 160 पर यह कुनबा हर चुनाव में वोट डालता है. इसबार लालू यादव के बिना ही उनके परिवार के सदस्य वोट डालने के लिए पहुंचे.

आमतौर पर लालू यादव के साथ रहने पर पूरा परिवार एक साथ वोट डालने बूथ तक पहुंचता था, लेकिन इसबार तस्वीर बदली हुई थी. सुबह साढ़े 10 बजे राबड़ी देवी अपनी बेटी मीसा भारती के साथ वोट डालने पहुंची. मतदान के बाद उन्होंने बिहार की 40 सीटों पर महागठबंधन की जीत का दावा किया.

राबड़ी और मीसा के वोट डालने के तकरीबन एक घंटे बाद तेजप्रताप यादव वोट डालने पहुंचे. लेकिन तेजप्रताप की वोटिंग सुर्खियों में रही. पहले तो वह वोट डालने ई-रिक्शा से मतदान केन्द्र पहुंचे. वोट डालने के बाद जब मतदान केन्द्र से बाहर निकले तो मीडिया वालों ने उनसे बातचीत शुरू कर दी. लौटते समय तेजप्रताप ई रिक्शा छोड़ अपनी लक्जरी गाड़ी में जा बैठे. पत्रकारों के साथ उनकी बातचीत जारी थी. इसी बीच उनके ड्राईवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी. गाड़ी का पहिया एक फोटो जर्नलिस्ट के पैर पर चढ़ गया.

दर्द से परेशान फोटो जर्नलिस्ट लगातार गाड़ी को हटाने की गुजारिश कर रहा था. इसी कवायद के बीच तेजप्रताप की महंगी गाड़ी का शीशा टूट गया. इसी बात पर तेजप्रताप के बाउंसरों और उनके समर्थकों ने पत्रकार की पिटाई शुरु कर दी. पिटाई के बाद तेजप्रताप ने थाने में पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए कहा कि उनके ऊपर जानलेवा हमला की कोशिश की गई.

वहीं, मीडिया सहित आरजेडी समर्थकों को इंतजार तेजस्वी यादव का था. पत्रकार भी तेजस्वी यादव का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. क्योंकि तेजप्रताप के बाउंसरों की हरकतों का जवाब उनसे भी लेना था. लेकिन दिलचस्प बात रही कि तेजस्वी यादव अपना वोट डालने नहीं पहुंचे. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के ऑफिसियल स्टॉफ ने भी उनके पटना में या पटना से बाहर होने की सही जानकारी पत्रकारों को नहीं दी.

तेजस्वी यादव ने बिहार के विभिन्न हिस्सों में तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने के लिए मतदाताओं से अपने मताधिकार का अपील करते हुए बिहार में सबसे ज्यादा 243 सभाएं कर दीं. सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर दूसरों को मतदान देने के लिए प्रोत्साहित करने वाले तेजस्वी ने खुद मतदान का बहिष्कार क्यों कर दिया.

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