देखना ये होगा कि अदालत क्या साध्वी का नामांकन रद्द करने का फैसला सुनती है या साध्वी के खिलाफ दाखिल याचिका को रद्द कर साध्वी की चुनावी राह आसान करती है. अदालत के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी होंगी.
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मुंबई : मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह के नामांकन को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट में सोमवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह और मामले की जांच कर रही एजेंसी NIA ने अपना जवाब दाखिल किया. एजेंसी ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि ये मामला चुनाव और चुनाव आयोग से संबंधित है. ये मामला एनआईए के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, इसलिए एजेंसी इसपर कोई टिपण्णी नहीं कर सकती.
वहीं, साध्वी प्रज्ञा द्वारा एनआईए कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा गया है कि पीड़ित द्वारा उनके खिलाफ दायर की गई ये याचिका पब्लिसिटी बटोरने के लिए है. उन्होंने इस याचिका को तुच्छ और राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने अपने जवाब में कोर्ट से कहा कि उनके खिलाफ दायर याचिका को आवेदक पर जुर्माना लगाने के साथ खारिज कर देना चाहिए.
गौरतलब है कि इससे पहले भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी ने साध्वी को टिकट देने के बाद 2008 के मालेगांव बम धमाकों के एक पीड़ित के पिता ने साध्वी के खिलाफ एनआईए कोर्ट में उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. मालेगांव बम धमाके में मारे गए 6 लोगों में से एक सैयद अजहर के पिता निसार अहमद सैयद बिलाल ने मुंबई स्थित विशेष एनआईए अदालत में याचिका दायर कर यह मांग की थी कि इस मामले में आरोपित साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोका जाए. निसार अहमद ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रज्ञा ने ज़मानत का आधार ये बताया था कि वे किसी के सहारे के बिना चल भी नहीं सकतीं, लेकिन अब प्रज्ञा साफ तौर पर इतनी स्वस्थ दिख रही हैं कि भयंकर गर्मी के मौसम में चुनाव लड़ सकती हैं. उन्होंने कोर्ट को गुमराह किया है. इसके बाद एनआईए कोर्ट ने जांच एजेंसी प्रज्ञा को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा था.
मालूम हो कि साध्वी प्रज्ञा वर्ष 2008 में हुए मालेगांव बम धमाकों में मुख्य आरोपी हैं. उनके खिलाफ मुंबई की एनआईए कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. फिलहाल वह करीब एक साल से जमानत पर जेल से बाहर हैं. भाजपा ने प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है.
बहरहाल, एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर कोई आपत्ति दर्ज न करते हुए गेंद चुनाव आयोग के पाले में डाल दी है. मामले की सुनवाई कल तक टल चुकी है. मंगलवार को मुंबई की विशेष NIA कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है. देखना ये होगा कि अदालत क्या साध्वी का नामांकन रद्द करने का फैसला सुनती है या साध्वी के खिलाफ दाखिल याचिका को रद्द कर साध्वी की चुनावी राह आसान करती है. अदालत के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी होंगी.