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रामानुज सिंह
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम को पांच साल बाद भारत आने को आमंत्रित किया है। या फिर यूं कहें तो भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर क्रिकेट का रिश्ता कायम होने जा रहा है जो 2008 में मुंबई के 26/11 हमलों के बाद फिर खत्म हो गया था।
पाकिस्तान टीम दिसंबर में भारत दौरे पर आएगी और भारत के साथ तीन वनडे और दो टी-20 मैच खेलेगी। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध फिर से बहाल होने पर पाक क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआई के फैसले का स्वागत किया हालांकि इस संबंध को बहाल करने के लिए पीसीबी लंबे समय से प्रयासरत था।
पाकिस्तान के साथ क्रिकेट सीरीज खेलने के फैसले के खिलाफ विरोध के स्वर भी तेजी से उठने लगे। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने भारत-पाक के बीच क्रिकेट संबंध बहाल करने के फैसले की आलोचना की। उनका कहना है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले की जांच में पाकिस्तान सहयोग नहीं कर रहा है तो हमें भी किसी तरह का सहयोग नहीं करना चाहिए। राजनीतिक हलकों में भी पाक क्रिकेट टीम के भारत आने पर विरोध देखने को मिल रहा है।
हलांकि टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी बीसीसीआई के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, यह सही दिशा में उठाया गया कदम है।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जहीर अब्बास ने कहा, यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था क्योंकि जब भी दोनों टीमें (भारत और पाकिस्तान) खेलती हैं तो पूरी दुनिया देखती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच जब-जब रिश्ते में कड़वाहट आई है तब-तब क्रिकेट संबंधों पर ही गाज गिरी है। उसका नुकसान क्रिकेट प्रेमियों को हुआ जब रोमांचक मुकाबले को देखने से वंचित होते रहे।
1961 में पाकिस्तान टीम भारत आई थी पर 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध के चलते लंबे समय तक दोनों देशों के बीच कोई क्रिकेट सीरीज नहीं खेली गई। उसके बाद 1978 में टीम इंडिया ने बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में पाकिस्तान का दौरा किया। 1999 में कारिगल युद्ध के बाद भी दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध खत्म हो गए थे। फिर कुछ वर्षों के बाद क्रिकेट की जंग शुरू हुई। फिर 2008 में मुंबई हमले के बाद दोनों देशों के क्रिकेट पर ही गाज गिरी। जो अब जाकर एक बार फिर से सभी कड़वाहट को भुलाकर क्रिकेट का रिश्ता कायम होने जा रहा है।
क्रिकेट एक खेल है जो जाति, धर्म, मजहब और देश को एक सूत्र में बंधने का काम करता है। जब भी क्रिकेट खेला जाता है देश भर में एकता की लहर दौड़ जाती है। सभी अपने देश के खिलाड़ियों को जीतते हुए देखना चाहते हैं। यही क्रिकेट जब अपने देश में लोगों के बीच रिश्ते को मजबूत कर सकता है तो दूसरे देश के साथ क्रिकेट संबंध जुड़ने पर भी रिश्ता मजबूत हो सकता है। भारत गौतम बुद्ध, महावीर और गांधी का देश जिसने हमेशा प्यार, शांति और भाईचारे का संदेश दिया है तो फिर बीसीसीआई द्वारा क्रिकेट संबध बहाल करने का फैसला गलत कैसे हो सकता है।
हां, पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी संगठनों ने भारत में मुंबई हमलों जैसी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है और देने की कोशिश करते रहे है। इसका मतलब यह नहीं कि हम आतंकियों के सामने दोनों देशों के आम जनों की भावनाओं को भूल जाएं और आतंकियो के सामने घुटने टेक दें। दोनों की जनता अमन चैन चाहती है। इसलिए भारत-पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट फिर से शुरू होने चाहिए ताकि क्रिकेट के बहाने दोनों देशों के लोग जब आपस में मिलेंगे तो गलतफहमियां दूर होंगी और दुश्मनी की दीवार धीरे-धीरे ढहेगी।