Trending Photos
वाशिंगटन : वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार मंगल ग्रह से प्रति वर्ष 200 से अधिक छुद्रग्रह या अत्यंत छोटे धूमकेतु टकराते हैं। इन टक्करों की वजह से मंगल के सतह पर कम से कम 3.9 मीटर के गड्ढे बन जाते हैं।
यह अनुमान अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने व्यक्त किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने नासा के हवाले से कहा है कि ये छुद्रग्रह या धूमकेतु आकार में एक से दो मीटर के व्यास से अधिक के नहीं हैं। इतने छोटे आकार के कारण ये धरती तक नहीं पहुंच सकते।
इतने छोटे धूमकेतुओं की टक्कर से मंगल की सतह पर गड्ढे बनने का कारण मंगल की वायुमंडल का बहुत पतला होना बताया गया।
ऑनलाइन पत्रिका इकैरस में प्रकाशित शोधपत्र के मुख्य शोधार्थी तथा एरीजोना विश्वविद्यालय के इंग्रिड डाउबर ने कहा है कि बनने के ठीक बाद इन गड्ढों की खोज काफी उत्साहजनक है, और इससे पता चलता है कि मंगल एक सक्रिय ग्रह है। हम आज हो रही प्रक्रियाओं का अध्ययन कर सकते हैं।
नासा के अनुसार शोधकर्ताओं ने तस्वीरों के जरिए मंगल की सतह पर पिछले दशकों के दौरान 248 ऐसी जगहों की पहचान की है।
मंगल के एक विशेष भाग पर किए गए व्यवस्थित सर्वेक्षण के आधार पर यह आंकड़े निकाले गए। इससे पहले यह दर प्रति वर्ष तीन से दस गुनी अधिक बतायी गयी थी। (एजेंसी)