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ज़ी न्यूज ब्यूरो
कराची: पाकिस्तान में आतंकवादियों की सक्रियता का एक और प्रमाण पाया गया। कराची शहर के एक इस्लामिक मदरसे के तहखाने में 50 से अधिक बच्चे और युवक जंजीर में जकड़े पाए गए। ये सभी तालिबान के लिए सक्रिय रुप से आतंकी गतिविधि फैलाने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए लाए गए थे। उनमें से जिन बच्चे को बचाया गया है वो ज्यादातर 12 साल के हैं। उन में अधिकांश पखतुन प्रांत से हैं।
पाकिस्तान पुलिस ने सोमवार को कराची के सोहराब गोठ इलाके के एक मदरसे में छापेमारी कर इन बच्चों को छुड़ाया। इन बच्चों को मदरसे के तहखाने में रखा गया था। एक अधिकारी ने बताया, ज्यादातर बच्चों को जंजीरों में बांधकर रखा गया था। उनकी हालत बेहद खराब थी। खबरों के मुताबिक जिन लड़कों ने तालिबान का विरोध किया था, उन्हें उल्टा लटका दिया गया था।
अधिकतर का संबंध खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत से है। एक बच्चे ने बताया कि तालिबान के कुछ सदस्य उनके स्कूल में आए थे और उन्हें युद्ध के लिए तैयार रहने को कह रहे थे। अधिकतर का संबंध खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत से है।
पाकिस्तान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसा लगता है इन बच्चों को कुछ अवैध गतिविधियों और चरमपंथी वारदातों के लिए तैयार किया जाना था। गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि पुलिस से इसकी जांच करने के लिए कहा गया था कि कहीं इस मदरसे का ताल्लुक तालिबान से तो नहीं है और इन बच्चों को आतंकवाद के ट्रेनिंग के लिए तो नहीं ले रखा गया था। पाकिस्तान के गृह मंत्राल्य ने इस मामले पर विचार के लिए धार्मिक स्कूलों के प्रमुखों की एक बैठक बुलाई है।