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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के इतिहास में परवेज मुशर्रफ देश के ऐसे पहले सैन्य तानाशाह हो सकते हैं जिन्हें राष्ट्रद्रोह के आरोप का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि नई सरकार ने उनके खिलाफ संविधान को निरस्त करने और नवंबर 2007 में आपातकाल लगाने के लिये राजद्रोह के आरोप में सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चलाने का फैसला किया है ।
द न्यूज’ समाचार पत्र ने एक अनाम संघीय मंत्री के हवाले से कहा कि सरकार मुशर्रफ को राजद्रोह के आरोप में सुनवाई से बचाने के बजाय संविधान और कानून व्यवस्था की सर्वोच्चता को बनाये रखने के कदमों का समर्थन करेगी।
मंत्रिमंडल में एक महत्वपूर्ण मंत्रालय’ संभालने वाले मंत्री ने कहा कि पीएमएल एन प्रमुख नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही संकेत दे दिया था कि वह मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के मामले में मुकदमा चलाए जाने का समर्थन करेंगे।
मंत्री ने समाचार पत्र से कहा कि पीएमएल एन सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस मामले में शीर्ष अदालत का फैसला लागू किया जाये ।
इस कानून के तहत गृह सचिव को संविधान के अनुच्छेद 6 और राजद्रोह (दंड) कानून 1973 के तहत संविधान को भंग करने या रद्द करने के मामले में मुशर्रफ के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करानी होगी।
नये अटार्नी जनरल मुनीर ए मलिक ने कुछ दिन पहले शरीफ से मुलाकात की थी और मुशर्रफ के खिलाफ अनुच्छेद 6 के तहत मुकदमा चलाने के मामले में सरकार के रूख की जानकारी ली थी। (एजेंसी)