आतंकी कसाब के अंतिम बोल: ` दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा`
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आतंकी कसाब के अंतिम बोल: ` दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा`

मुंबई पर साल 2008 में हुए आतंकी हमले के करीब चार साल बाद बुधवार सुबह पाकिस्‍तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को यहां के यरवदा केंद्रीय कारागार में फांसी पर लटका दिया गया। फांसी पर लटकाए जाने से पहले कसाब को काफी पछतावा था, जोकि उसके अंतिम बोल में दिखे।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो
पुणे : मुंबई पर साल 2008 में हुए आतंकी हमले के करीब चार साल बाद बुधवार सुबह पाकिस्‍तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को यहां के यरवदा केंद्रीय कारागार में फांसी पर लटका दिया गया। फांसी पर लटकाए जाने से पहले कसाब को काफी पछतावा था, जोकि उसके अंतिम बोल में दिखे।
पुणे के जेल में सुबह साढ़े सात बजे फांसी पर लटकाए जाने से कुछ देर पहले पहले कसाब ने कथित तौर पर यरवदा जेल के जेलर से कहा कि उसकी कोई अंतिम इच्‍छा नहीं है। उसने यह भी कहा, `अल्‍लाह की कसम, दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा`।
कसाब को मुम्बई से पुणे जेल में स्थानांतरित किया गया था। कसाब ने मरने से पहले अपनी कोई इच्छा नहीं बताई। उसका शव पुणे के बाहरी इलाके में स्थित जेल परिसर में ही आज सुबह 9.30 बजे दफना दिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, कसाब के शव को समुद्र में दफनाने पर भी विचार किया, जैसा कि अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन के शव के साथ समुद्र में दफनाकर किया गया था। सरकार के स्‍तर पर निर्णय लिया गया कि कसाब के शव को जेल परिसर में ही दफनाया जाएगा और इस मामले में कोई रिस्‍क नहीं लिया जाएगा। कसाब को फांसी पर लटकाए जाने संबंधी ऑपरेशन का नाम `ऑपरेशन एक्‍स (Operation X) दिया गया और इसमें काफी सतर्कता बरती गई और बिल्‍कुल गुप्‍त रखा गया।
कसाब को मुंबई पर 2008 में हुए हमले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया था। उसे निचली अदालत ने छह मई 2010 को फांसी की सजा सुनाई, जिसे 21 फरवरी 2011 को बम्बई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा। उच्चतम न्यायालय ने इस वर्ष 29 अगस्त को सजा को बहाल रखा।
कसाब और अन्य हमलावरों ने 26 नवंबर 2008 को नौका से मुंबई में प्रवेश किया। उनके पास मोबाइल फोन, हथगोले और अत्याधुनिक हथियार थे। वह मुंबई में चारों तरफ फैल गए और आलीशान होटलों ताज महल और ओबेरॉय ट्राइडेंट, यहूदी केन्द्र चबाड हाउस और शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को निशाना बनाया।
कसाब को मुंबई पर हुए इस क्रूर आतंकी हमले की चौथी बरसी से ठीक पांच दिन पहले फांसी दी गई है। मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे।

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