ईवीएम को लेकर उठे सवालों पर विचार

सुप्रीम कोर्ट मतदान के समय इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ ही कागज की पर्ची देने की व्यवस्था शामिल करने या मतपत्र से मतदान की प्रणाली फिर बहाल करने के मसले पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है।

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट मतदान के समय इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ ही कागज की पर्ची देने की व्यवस्था शामिल करने या मतपत्र से मतदान की प्रणाली फिर बहाल करने के मसले पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है।
जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने इस याचिका में आरोप लगाया है कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित नहीं है और उसके साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने आज कहा कि हम इस मामले पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करेंगे ताकि अगले संसदीय चुनाव तक इस पर विचार पूरा किया जा सके।
न्यायाधीशों ने एक घंटे से भी अधिक समय तक सुब्रमण्यम स्वामी की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर सुनवाई 27 सितंबर के लिए स्थगित कर दी। इस बीच, न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह इस मसले पर अपनी दलीलें तैयार करें। सुब्रमण्यम स्वामी ने स्वंय बहस करते हुए कहा कि चुनाव में मतपत्रों के इस्तेमाल की पुरानी व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए क्योंकि अमेरिका ओर जापान सहित दुनिया के सभी विकसित देशों ने ईवीएम प्रणाली को ठुकरा दिया है और उन्होंने एक बार फिर मतपत्रों की पुरानी व्यवस्था को अपना लिया है। उनका तर्क था कि चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल शुरू करने वाला जापान भी अब सिर्फ मतपत्र की व्यवस्था पर ही भरोसा कर रहा है।
जनता पार्टी अध्यक्ष का कहना था कि दुनिया में सिर्फ निजी क्षेत्र की कंपनियां ही इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों का निर्माण कर रही हैं और इनमें छेड़छाड़ की बहुत गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों का स्वदेशी निर्माण नहीं है और वह इन मशीनों और इनमें इस्तेमाल होने वाले माइक्रोचिप्स के आयात पर ही निर्भर है। सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि ईवीएम के इस्तेमाल से मतों की पुनर्गणना मुश्किल ही नहीं बल्कि अविश्वसनीय भी है। इस संबंध में उन्होंने शिवगंगा संसदीय क्षेत्र में मतों की पुनर्गणना की घटना का हवाला देते हुए कहा कि इस सीट से वित्त मंत्री पी. चिदंबरम कथित रूप से विवादास्पद परिस्थितियों में विजयी हुए थे। (एजेंसी)

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