कांग्रेस-भाजपा की नीतियां अमीर-परस्त: करात
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कांग्रेस-भाजपा की नीतियां अमीर-परस्त: करात

मार्क्सोवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार और भाजपा की नीतियां की नीतियां अमीर-परस्त हैं। लिहाजा लोगों के समक्ष वैकल्पिक नीतियां पेश करने की जरूरत है।

नई दिल्ली : मार्क्सोवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार और भाजपा की नीतियां की नीतियां अमीर-परस्त हैं। लिहाजा लोगों के समक्ष वैकल्पिक नीतियां पेश करने की जरूरत है।
माकपा महासचिव प्रकाश करात ने यहां रामलीला मैदान में ‘संघर्ष संदेश रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता आमजन की मांग के समर्थन में 15 मई से 31 मई तक विरोध प्रदर्शन करेंगे और विभिन्न स्तर पर पिकेटिंग करेंगे।
करात ने कहा,‘आज, केन्द्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ऐसी नीतियां कार्यान्वित कर रही है जो बड़े व्यापारियों, विदेशी पूंजी और रईसों की हिमायत करती हैं। बड़े उद्योगपतियों को संसाधन और खनिज तोहफे में सस्ती दरों पर या मुफ्त में दिए जा रहे हैं। सरकार की इन्हीं नीतियों के चलते मुद्रास्फीति बढ़ रही है।’
माकपा महासचिव ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाई गईं जबकि खाद पर सब्सिडी घटाई गई। करात ने कहा कि जहां इन सब से सब्सिडी घटाई जा रही है, धनी लोगों को केन्द्रीय बजट में करों में रियायत दी जा रही है।
करात ने कहा कि 18 साल से उदार नीतियां लागू की जा रही हैं और तब से देश में दो लाख 90 हजार किसान खुदकुशी कर चुके हैं।
माकपा महासचिव ने कहा,‘जब तक हम संप्रग सरकार को हटाएंगे नहीं, हम उसकी नीतियों को बदल नहीं सकते।’ करात ने कांग्रेस के विकल्प के रूप में भाजपा को नकारते हुए कहा, ‘लेकिन क्या भाजपा कांग्रेस का विकल्प है? भाजपा की आर्थिक नीति कांग्रेस की आर्थिक नीतियों जैसी हैं।’
माकपा महासचिव ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘एक नए विकल्प की जरूरत है। लेकिन कैसे इस विकल्प का निर्माण होगा? जब हम कांग्रेस और भाजपा की नव-उदारवादी नीतियों का विकल्प पेश करने में सक्षम होंगे, तब ही।’
उन्होंने वैकल्पिक नीतियों की रूपरेखा पेश करते हुए कहा कि वैकल्पिक नीतियों को भूमिहीन किसान के पक्ष में होना चाहिए, उसमें भोजन सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए रईसों पर कर लगाने का प्रावधान होना चाहिए।
करात ने कहा कि अगर करोड़ों किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं, दलितों और आदिवासियों को किसी आंदोलन में एक साथ लाया जा सका तो कोई नया विकल्प सृजित किया जा सकता है। (एजेंसी)

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