नई दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने किशोर न्याय प्रणाली सुदृढ़ करने पर जोर देते हुए कहा कि अगर बच्चों को, खास कर कानून के साथ टकराव में उलझे बच्चों को पर्याप्त सुरक्षा और देखरेख प्रदान नहीं किया गया तो देश को अराजकता का सामना करना पड़ सकता है।
कबीर ने चिंता जताई कि देश की 42 फीसद आबादी होने के बावजूद बच्चों के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया जा सका ओर उनमें से अनेक नशे की समस्या का सामना कर रहे हैं जबकि वे भविष्य के लिए प्रगति की एक संभावित शक्ति हो सकते हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘हममें से कितने सोचते हैं कि बच्चे भविष्य के लिए प्रगति की संभावित शक्ति हैं। आबादी की एक तिहाई से ज्यादा, बड़ी संख्या में बच्चे हैं और हमारे बेहतरीन प्रयासों तथा मंशा के बावजूद उनके पास उचित सुविधाएं नहीं हैं।’
कबीर ने कहा, ‘इससे अनेक समस्याएं होती हैं और नशाखोरी सर्वाधिक गंभीर समस्या है। इसके समाधान के लिए हमें किशोर न्याय प्रणाली को सुदृढ़ करना होगा।’ (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट
किशोर न्याय प्रणाली को सुदृढ़ करने की जरूरत: CJI
भारत के प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने किशोर न्याय प्रणाली सुदृढ़ करने पर जोर देते हुए कहा कि अगर बच्चों को, खास कर कानून के साथ टकराव में उलझे बच्चों को पर्याप्त सुरक्षा और देखरेख प्रदान नहीं किया गया तो देश को अराजकता का सामना करना पड़ सकता है।
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