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नई दिल्ली : इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल को आज एनआईए हैदराबाद ने फरवरी 2013 में हुए दिलसुखनगर विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया है। इससे पहले, दिल्ली की एक अदालत ने एनआईए की याचिका स्वीकार करते हुए उसे दो दिन के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में दे दिया।
राष्ट्रीय जांच एजेन्सी की चार दिन की हिरासत समाप्त होने पर भटकल को जिला न्यायाधीश आई एस मेहता के समक्ष पेश किया गया। जांच एजेंसी ने कहा कि उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए क्योंकि देश में विभिन्न आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के सिलसिले में हिरासत में लेकर उससे पूछताछ करने की उसे अब जरूरत नहीं है।
हालांकि, एनआईए की हैदराबाद इकाई ने भटकल को दिलसुखनगर विस्फोट मामले में गिरफ्तार करने की अनुमति मांगी और उसे हैदराबाद ले जाने के लिए दो दिन की ट्रांजिट रिमांड की मांग भी की। न्यायाधीश ने कहा, ‘मैंने वरिष्ठ लोक अभियोजक द्वारा दायर आवेदन की सामग्री का अध्ययन किया है और उसे मंजूर किया जाता है। आरोपी मोहम्मद अहमद सिद्दिबप्पा उर्फ यासीन भटकल की गिरफ्तारी की अनुमति सीआईओ, एसपी एनआईए हैदराबाद को दी जाती है और एनआईए हैदराबाद को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड सौंपी जाती है।’ न्यायाधीश ने एनआईए हैदराबाद के पुलिस अधीक्षक को संबद्ध अदालत में 23 सितंबर या उससे पहले पेश करने का निर्देश दिया।
दोहरे धमाकों में 16 लोग मारे गए थे। इन धमाकों को इस साल 21 फरवरी को हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में कोणार्क और वेंकटदिरी थिएटर के निकट अंजाम दिया गया था। इससे पहले, 17 सितंबर को अदालत ने एनआईए हैदराबाद की इसी तरह की याचिका मंजूर की थी और भटकल के करीबी सहायक असदुल्ला अख्तर को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड में भेजा था। अख्तर को दिलसुखनगर विस्फोट मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने एनआईए हैदराबाद को दिलसुखनगर विस्फोट मामले में पुलिस रिमांड समाप्त हो जाने के बाद भटकल को उसके समक्ष पेश करने का भी निर्देश दिया।
उत्तरी कर्नाटक के उडूपी जिले के भटकल गांव का रहने वाला भटकल अहमदाबाद, सूरत, बेंगलूर, पुणे, दिल्ली और हैदराबाद में कई आतंकवादी हमले की घटनाओं में वांछित है। 30 वर्षीय भटकल पर अन्य लोगों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रचने का संदेह है। वह इससे पहले प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था। (एजेंसी)